Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेलवे को समझने के लिए रेलमंत्री को चाहिए दस दिन

    By Edited By:
    Updated: Wed, 28 May 2014 12:25 AM (IST)

    गोरखधाम ट्रेन हादसे के रूप में सामने आई पहली बड़ी चुनौती को देखते हुए रेल मंत्री सदानंद गौड़ा मंगलवार को पद संभालते ही हरकत में आ गए। उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक की। हादसे पर दुखी रेल मंत्री ने कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने रेलवे को समझने के लिए दस दिन का समय मांगा है

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गोरखधाम ट्रेन हादसे के रूप में सामने आई पहली बड़ी चुनौती को देखते हुए रेल मंत्री सदानंद गौड़ा मंगलवार को पद संभालते ही हरकत में आ गए। उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक की। हादसे पर दुखी रेल मंत्री ने कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने रेलवे को समझने के लिए दस दिन का समय मांगा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले कैबिनेट बैठक में गोरखधाम हादसे के मृतकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी गई। गौड़ा के मुताबिक हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये रेलवे की ओर से, जबकि दो-दो लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे। गंभीर घायलों को 50-50 हजार और साधारण घायलों को 20-20 हजार रुपये की मदद मिलेगी। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा तथा लघु व मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने घटनास्थल का दौरा किया।

    मंगलवार शाम रेल भवन में मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करते हुए गौड़ा ने कहा, रेलवे को समझने के लिए उन्हें कम से कम दस दिन का समय चाहिए। इस दौरान वह रेलवे बोर्ड के सदस्यों तथा अन्य अधिकारियों से चर्चा कर रेलवे की मौजूदा वित्तीय और संरक्षात्मक स्थिति, चालू परियोजनाओं और अधूरे कार्यो के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। इसके बाद वह प्रधानमंत्री को इस सबकी जानकारी देंगे और उनसे चर्चा के आधार पर भविष्य का एजेंडा तय करेंगे।

    पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने किराये-भाड़े बढ़ाने का निर्णय लेने के बाद उसका क्रियान्वयन नई सरकार पर छोड़ दिया था। गौड़ा से पूछा गया कि क्या वह उस निर्णय को लागू करेंगे? जवाब में उन्होंने कहा कि बोर्ड के साथ हालात को समझने तथा कैबिनेट में चर्चा के बाद ही इस विषय में कोई फैसला किया जाएगा। क्या माना जाना चाहिए कि अब हाईस्पीड ट्रेन परियोजना जल्द लागू होगी? इस पर गौड़ा ने कहा अभी मुझे इसका कोई आइडिया नही है। मैं समझूंगा फिर बात करूंगा। जो निर्णय लागू करने योग्य होंगे उन्हें तैयारी के बाद लागू किया जाएगा। क्या नया रेलवे संरक्षा कोष स्थापित किए जाने की संभावना है? इस पर रेलमंत्री का कहना था कि संरक्षा से संबंधित मौजूदा निधियों का ही समुचित इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

    पढ़ें: बालियान को कैबिनेट में शामिल करने पर बिफरी कांग्रेस