मोसुल के मिशन पर जनरल, ढूंढ़ेंगे 39 भारतीय
सरकार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में जहां आईएस के चंगुल से मोसुल को आजाद कराना आतंकवाद के खिलाफ ग्लोबल जंग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
नई दिल्ली, स्पेशल डेस्क। आईएसआईएस के कब्जे से इराक के शहर मोसुल को मुक्त कराने के बाद जहां इराक सरकार इसे अपने लिए बड़ी जीत मान रही है तो वहीं दूसरी तरफ यह ख़बर सुनते ही भारत सरकार भी फौरन हरकत में आ गई है। भारत सरकार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में जहां आईएस के चंगुल से मोसुल को आजाद कराना आतंकवाद के खिलाफ ग्लोबल जंग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया तो वहीं दूसरी तरफ इराक में गायब 39 भारतीयों का पता लगाने के लिए भारत ने अपने सारे डिप्लोमैटिक चैनल्स खोल दिए हैं।
करीब आठ महीने के लंबे संघर्ष के बाद इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल आब्दी ने आईएसआईएस के चंगुल से पूरी तरह मुक्त कराने का ऐलान किया है। इससे अब उन 39 भारतीय कामगारों का पता चलने की उम्मीद जगी है जिन्हें साल 2014 में बंदी बना लिया गया था।
खुद विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक के मिशन पर है। वीके सिंह ने कहा- “जैसे ही ये ख़बर आयी कि मोसुल को आज़ाद करा लिया गया है, सरकार ने यह फैसला किया कि किसी को भेजा जाएगा। पता लगाया जाए कि हमारे भारतीय लापता है उनको ढूंढा जाए। मैं जा रहा हूं। हम को-ऑर्डिनेट कर रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही कोई अच्छी ख़बर आएगी।”
गौरतलब है कि इराक का मोसुल शहर खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का गढ़ बना हुआ था। लेकिन, अमेरिका और अन्य देशों की सुरक्षाबलों की मदद से इराकी सेना ने वहां से उसे उखाड़ फेंका। आईएसआईएस ने सीरिया के रक्का और इराक के मोसूल को अपना गढ़ बना रखा था। लेकिन, इन दोनों ही जगहों पर उन्हें जबरदस्त शिकस्त खानी पड़ी है।