संगम नगरी में गंगा को बचाने उमड़ा जनसमूह
देश की आजादी के लिए कुर्बान हुए अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की शहादत स्थली आजाद पार्क से गंगा को प्रदूषण से आजादी दिलाने के लिए दूसरी जंग छेड़ी गई। यह लड़ाई अस्त्र-शस्त्र से नहीं बल्कि गंगा को निर्मल बनाने के मजबूत इरादे व कुछ कर गुजरने के जज्बे से आरंभ हुई। इसको लेकर मंगलवार सुबह आजाद पार्क में ब'चे, बूढ़े, महिला और - आजाद की बलिदान स्थली से नई लड़ाई की शुरुआत - सर्व धर्म समभाव का दिखा अपूर्व नजारा ------------------- जागरण संवाददाता, इलाहाबाद
इलाहाबाद। देश की आजादी के लिए कुर्बान हुए अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की शहादत स्थली आजाद पार्क से गंगा को प्रदूषण से आजादी दिलाने के लिए दूसरी जंग छेड़ी गई। यह लड़ाई अस्त्र-शस्त्र से नहीं बल्कि गंगा को निर्मल बनाने के मजबूत इरादे व कुछ कर गुजरने के जज्बे से आरंभ हुई। इसको लेकर मंगलवार को आजाद पार्क में बच्चे, बूढ़े, महिला और पुरुषों का जमघट लगा।
यहां न कोई ¨हदू था, न मुस्लिम, अमीरी-गरीबी की दीवार भी कहीं नजर नहीं आई। सबका एक ही लक्ष्य, एक ही सपना। अविरल गंगा-निर्मल गंगा। सभी इसी जज्बे के साथ 'गंगा जागरण यात्रा' में शामिल होने आजाद पार्क पहुंचे थे। 'गंगा मइया की जय.., एक रोटी खाएंगे गंगा को निर्मल बनाएंगे.., हर-हर गंगे..' का उद्घोष करते सैकड़ों पग आगे बढ़े तो उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के लिए आए जिलाधिकारी पी गुरुप्रसाद भी खुद को रोक नहीं पाए और वह भी भीड़ का हिस्सा हो लिए।
सबसे आगे चल रही वेणुगोपाल दास के नेतृत्व में इस्कॉन के संत 'हरे रामा-हरे कृष्णा-जय गंगा' का संकीर्तन करते हुए निकले तो सड़क के किनारे खड़े लोगों ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। वहीं स्केटिंग करते बच्चों का झुंड व आकर्षक वेशभूषा में चल रहे राजेंद्र तिवारी 'दुकान जी' सबको आकर्षित कर रहे थे।
इनके पीछे हजारों लोगों का कारवां गंगा मइया का जयकारा लगाते हुए हनुमत निकेतन, बिग बाजार के सामने से आगे बढ़ा तो रास्ते में दोनों ओर तालियां बजाकर लोगों ने इनका स्वागत किया। सिविल लाइंस स्थित सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थल पहुंचकर लोगों ने मां गंगा को निर्मल बनाने का संकल्प लिया। जिलाधिकारी पी गुरुप्रसाद ने दैनिक जागरण जागरण द्वारा निकाली जा रही 'गंगा जागरण यात्रा' की सराहना करते हुए कहा कि इससे हमें अपने कर्तव्य का एहसास हुआ है। कहा कि प्रयाग में गंगा व यमुना में 54 नालों का पानी गिर रहा है, सरकार उन्हें रोकने के लिए काम कर रही है।
कानपुर में छतों से हुई पुष्प वर्षा:-
इससे पहले कानपुर में ढोल की थाप पर उत्साहित लोगों का हुजूम सब को अचंभित कर रहा था। क्या युवा, क्या बूढ़े सब चले आ रहे थे गंगा जागरण यात्रा पर देवभूमि देवप्रयाग से गंगा सागर को निकले रथ के स्वागत को। प्रात:काल यात्रा की शुरुआत एतिहासिक मोतीझील चौराहे से हुई। यात्रा जरीब चौकी, गांधीनगर से पी रोड पहुंची तो सड़क से लेकर छतों तक से फूलों की बरसात होने लगी।
जोरदार नारे के साथ उत्साही लोग यात्रा को नमन के साथ मां गंगे की सफाई का संकल्प लेते हैं। क्या ¨हदू, क्या मुस्लिम सभी का उत्साह हौसला बढ़ाता है। 80 फीट रोड पर पादरी राजेश साइमन स्वागत को मुस्तैद थे। अगले पड़ाव में यात्रा आर्यनगर पहुंची जो एडीएम अविनाश सिंह पूरी टीम के साथ और सियासी दलों और धर्माचार्यो के साथ महिलाओं ने जोरदार स्वागत किया।
इसके बाद स्वरूपनगर होता हुए काफिला ईदगाह पहुंचा। मुस्लिम समुदाय ने जोरदार स्वागत किया। चुन्नीगंज, परेड, कचहरी, बड़ा चौराहा, मेस्टनरोड, मूलगंज चौराहा होते हुए यात्रा घंटाघर पहुंची। उत्साह में लबरेज यात्रा एक्सप्रेस रोड और फूलबाग होते हुए गंगा आरती को सरसैयाघाट पर पहुंची। यहां महापौर जगतवीर सिंह द्रोण व इस्कान मंदिर के कृष्ण भक्तों और धर्माचार्यो की अगुवाई में महाआरती के बाद अगले पड़ाव रायबरेली के लिए यात्रा ने प्रस्थान किया।
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