दूसरे दिन भी झटकों से कांपा समूचा उत्तर भारत
बिहार पर कुपित कुदरत लगातार कहर ढाए जा रहा है। शनिवार को भूकंप की भीषण तबाही से लोग संभले भी नहीं थे कि रविवार दोपहर फिर आए झटके ने 26 और लोगों की जान ...और पढ़ें

पटना। बिहार पर कुपित कुदरत लगातार कहर ढाए जा रहा है। शनिवार को भूकंप की भीषण तबाही से लोग संभले भी नहीं थे कि रविवार दोपहर फिर आए झटके ने 26 और लोगों की जान ले ली, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए। प्रदेश में अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 84 पहुंच गया है, जबकि 350 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। दर्जनों मकान जमींदोज हो गए तो कई में दरारें आ गई। दहशत का आलम यह है कि लोग घरों में सोने के बजाए सड़कों पर खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे हैं। इससे पहले शनिवार को आए जलजले में 58 लोगों की मौत हुई थी।
विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश में मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। दोपहर 12:43 बजे बिहार में फिर धरती डोली तो लोग दहल उठे। यह झटके पूरे राज्य में महसूस किए गए। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शहर के पार्को को खुला रखें और भोजन-पानी का भी इंतजाम करें। जरूरत के हिसाब से शेड की व्यवस्था कराई जाए। भूकंप के चलते 7, सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं ऊर्जा विभाग की बैठक कर रहे मुख्यमंत्री व अन्य पदाधिकारी बाहर निकल आए।
हिल गया उत्तर प्रदेश
भूकंप के लगातार झटके से दूसरे दिन रविवार को फिर उत्तर प्रदेश हिल उठा। दोपहर 12.39 बजे आए झटकों ने शनिवार की दहशत ताजा कर दी। कुशीनगर में राज्यपाल राम नाईक भाषण देने जा रहे थे, तभी जलजले से मंच हिल उठा। उनका भाषण थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया और सभी मंच से दूर हट गए। इस दौरान प्रदेश में आठ और लोगों की मौत हुई है। सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, फतेहपुर, प्रतापगढ़ में लोगों ने जान गंवाई। भूकंप से गोरखपुर, देवरिया, बस्ती व नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर एवं महराजगंज जिले में कई मकानों में दरारें पड़ गई। अयोध्या स्थित प्राचीन मंदिर शीशमहल की दीवार दरक गई। भूकंप का असर गोंडा, सुलतानपुर, सीतापुर, बहराइच में भी असर दिया। जबकि आगरा में तीन बार झटके महसूस किए गए। दोपहर 12.42 बजे पहला झटका आने के बाद 2.15 बजे दूसरा और ठीक तीन बजे तीसरा झटका लगा। यहां दो थाने, एसपी सिटी ऑफिस और पुलिस कंट्रोल रूम की दीवारों में दरार आ गई। बरेली में भी दो बार झटके महसूस किए गए।
पश्चिम बंगाल भी थरथराया
एक बार फिर भूकंप के झटकों से कोलकाता समेत पूरा बंगाल हिल गया। दमदम एयरपोर्ट में झटके महसूस होते ही बाहर निकलने की हड़बड़ाहट में कई यात्री जख्मी हो गए। मेट्रो रेल प्रशासन ने भी ऐहतियातन घंटेभर के लिए अपनी सेवा रोक दी। साल्टलेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स के डी ब्लॉक की दीवार में दरार आ गई है। शनिवार को सबसे ज्यादा नुकसान सहने वाले सिलीगुड़ी में रविवार को फिर झटके महसूस हुए तो लोग घरों में वापस जाने से डरने लगे हैं। सड़कों पर वाहन जहां के तहां रोक दिए गए और मोबाइल व बिजली सेवा भी ठप हो गई।
झारखंड को भी लगा झटका
जिले में दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए और 30 से 35 सेकेंड तक कंपन रहा। छुट्टी होने के कारण घरों में मौजूद लोग बदहवाश बाहर की ओर भागे। शनिवार को आए भीषण भूकंप का खौफ इस कदर हावी था कि चंद मिनट में पूरा शहर सड़कों पर आ गया। धनबाद, जमशेदपुर, पाकुड़ आदि जिलों में झटके महसूस किए गए।
अन्य प्रदेशों में भी डोली धरती
रविवार को दूसरे दिन अन्य प्रदेशों में भी भूकंप के झटकों से धरती डोल उठी। राजस्थान में दोपहर करीब 12:40 बजे भूकंप आया। भरतपुर जिले के रोलीजा गांव में दीवार गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि आठ लोग घायल हो गए। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, असम व ओडिशा तक झटके महसूस किए गए।

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