इमरजेंसी के लिए सिद्धार्थ शंकर रे दोषी, धवन का खुलासा
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव आरके धवन का दावा, 8 जनवरी 1975 को पत्र लिखकर रे ने दी थी आपातकाल लगाने की सलाह। ...और पढ़ें

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रह चुके आरके धवन ने देश में इमरजेंसी के लिए स्वर्गीय सिद्धार्थ शंकर रे को दोषी ठहराया है। वह उस समय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे।
रे ने बुना था पूरा तानाबाना
एक निजी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'आपातकाल का पूरा ताना-बाना पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रे ने बुना था। उन्होंने आठ जनवरी 1975 को पत्र लिखकर आपातकाल की तरह कठोर कार्रवाई करने की सलाह दी थी। गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद रे ने दोबारा पत्र लिखकर आपातकाल के लिए उन्हें प्रेरित किया।'
इंदिरा ने तो इस्तीफा देने का बना लिया था मन
धवन ने दावा किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय के बाद इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का भी मन बना लिया था। पत्र टाइप भी हो चुका था, लेकिन मंत्रिमंडल के दबाव में आकर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया। तत्कालीन मंत्रिमंडल कोर्ट के फैसले के मद्देनजर उनके इस्तीफे के खिलाफ था।
चुनाव हारने के बाद राहत में थीं इंदिरा गांधी
धवन ने कहा कि साल 1977 में आम चुनाव हारने की सूचना पाकर वह काफी राहत महसूस कर रही थीं। उन्होंने यह चुनाव खुफिया एजेंसी आईबी के कहने पर कराया था। आईबी की ओर से इंदिरा गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट में दावा किया गया था लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 340 सीटें मिल सकती हैं।
जगजीवन के साथ छोड़ने से थीं आश्चर्यचकित
धवन के अनुसार जगजीवन राम के साथ छोड़ने से वह आश्चर्यचकित भी हुई थीं। उस समय उन्हें चुनाव प्रचार में कुछ परेशानी भी महसूस हुई थी, लेकिन चुनाव हारने की बात उन्होंने कभी नहीं सोची थी।
अब परिवार के लिए समय होगा
धवन ने कहा कि चुनाव हारने की सूचना सबसे पहले उन्होंने ही दी थी। त्वरित प्रतिक्रिया में गांधी ने कहा था, 'अब मेरे पास अपने व परिवार के लिए समय होगा।' उन्होंने कहा कि गांधी यह कभी नहीं चाहती थीं कि आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों के लिए संजय गांधी को जिम्मेदार ठहराया जाए।
संजय की हरकतों से वाकिफ थीं मेनका
धवन ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में मंत्री मेनका गांधी इमरजेंसी के दौरान अपने पति संजय गांधी की सामूहिक नसबंदी समेत प्रायः हर हरकतों से वाकिफ थीं। अब वह इससे मुकर नहीं सकतीं।
साभारः नई दुनिया

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