Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा को कश्मीर में रोकने की कोशिश में कांग्रेस

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Fri, 26 Dec 2014 07:45 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों से संशकित कांग्रेस उसको रोकने के लिए सारे विकल्पों पर काम कर रही है। राज्य के तीनों हिस्सों में असर रखने वाली कांग्रेस अलग-अलग वार्ताकारों के जरिए राज्य के दोनों दलों के संपर्क में है। खंडित जनादेश आने के साथ ही

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों से संशकित कांग्रेस उसको रोकने के लिए सारे विकल्पों पर काम कर रही है। राज्य के तीनों हिस्सों में असर रखने वाली कांग्रेस अलग-अलग वार्ताकारों के जरिए राज्य के दोनों दलों के संपर्क में है। खंडित जनादेश आने के साथ ही अचानक से बेहद महत्वपूर्ण हुए नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला पर भी पार्टी ने निगाहें लगा रखी है। इस बीच, राज्य में भाजपा को रोकने की जिम्मेदारी गुलाम नबी आजाद को सौंपी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य में पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस दोनों के लिए दरवाजे खुले होने की बात कह चुकेआजाद राज्य में एक बार फिर पीडीपी के साथ सरकार बनाने के मुखर समर्थक माने जा रहे हैं। हालांकि, भाजपा को रोकने के लिए वह धुर विरोधियों से साथ आने की अपील भी कर रहे हैं। आजाद ने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए क्षेत्रीय दलों से एक मंच पर आने की बात कही है। आजाद ने कहा है कि 'जम्मू-कश्मीर की सत्ता से भाजपा को दूर रखने के लिए कांग्रेस, नेशनल कान्फ्रेंस और पीडीपी को गठबंधन जरूर करना चाहिए।'

    सूत्रों के मुताबिक उमर की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के बीच पार्टी की राज्य इकाई ने उपाध्यक्ष से दखल देने की मांग की गई थी। हालांकि, उपाध्यक्ष कार्यालय ने राज्य इकाई की इस मांग पर चुप्पी साध ली है। गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीति से इतर भी संबंध हैं।

    आजाद इससे पहले भी राज्य में सरकार गठन के लिए पार्टी के दरवाजे खुले होने की बात कह चुके हैं। हालांकि, आजाद के इस सुझाव को नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने बेहद तल्खी से यह कहते हुए कि आजाद राज्य सभा के लिए मुफ्ती के पैर छूने को तैयार हैं, झटक दिया था। उधर, राज्य में आई बाढ़ की तबाही व पिछले छह सालों से उमर सरकार के खिलाफ नाराजगी को देखते हुए पीडीपी इस गठबंधन के पक्ष में नहीं है। पीडीपी नेताओं को लग रहा है कि अगर कांग्रेस के समर्थन से उन्होंने सरकार बनाई तो केंद्र से वित्तीय मदद मिलने में दिक्कत होगी। जो कि बाढ़ से तबाह हुए राज्य के लिए बेहद अहम होगी।

    पढ़ेंः पीडीपी को भी समर्थन दे सकती है नेशनल कांफ्रेंस!

    पढ़ेंः विजय पथ पर मोदी रथ, झारखंड में बहुमत, जेके में पहली बार दूसरे नंबर पर भाजपा

    comedy show banner
    comedy show banner