Move to Jagran APP

आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं, सर्विस टैक्‍स बढ़ा

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली वित्‍तीय वर्ष 2015-16 का आम बजट लोकसभा में पेश किया। वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आर्थिक स्थिति पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि देश का जीडीपी 7.4 फीसद रहने का अनुमान है। उन्‍हाेंने राजकोषीय घाटा को 4.1 फीसद पर लाने का लक्ष्‍य रखा।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 09:20 AM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 05:17 PM (IST)
आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं, सर्विस टैक्‍स बढ़ा

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्तीय वर्ष 2015-16 का आम बजट लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आर्थिक स्थिति पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि देश का जीडीपी 7.4 फीसद रहने का अनुमान है। उन्हाेंने राजकोषीय घाटा को 4.1 फीसद पर लाने का लक्ष्य रखा। जेटली ने कहा कि देश के सामने गंभीर चुनौती है। दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर है। ऐसे में सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर अच्छा काम किया है।

loksabha election banner

वित्त मंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य गरीबों तक लाभ पहुंचाने का है। उन्होंने कहा कि सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियां हैं- पहला, जन धन योजना, दूसरा, स्वच्छ भारत अभियान और तीसरा, कोयला खदान की पारदर्शी निलामी का विशेष तौर पर जिक्र किया। जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में हमने 50 लाख टॉयलेट बनाए। उन्होंने कहा कि अगले चार वर्षों में छह करोड़ टॉयलेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही गांवों को 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल और मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है। सरकार की 2020 तक ऑफ ग्रिड और सौर ऊर्जा सहित शे ष 20 हजारा ग्रामों के विद्युतीकरण योजना है।

अरुण जेटली ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2022 तक सभी के पास अपना घर हो। युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए बड़े पैमाने पर स्किल डेवलपमेंट की योजना शुरू की गई है। उन्होंने मेक इन इंडिया योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बड़े पैमाने में रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नए उद्योग को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि मेरे सामने पांच प्रमुख चुनौतियां हैं। पहला- कृषि से कम आय, दूसरा-सरकारी घाटे को काबू करना, तीसरा- राजकीय अनुशासन को बनाए रखना, चौथा-मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर का जीडीपी गिरना और पांचवा-गरीबों तक सब्सिडी पहुंचाना।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए हम सब्सिडी को जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) से जोड़ेंगे। उन्होंने अब जन धन योजना के तहत खुलने वाले खातों के लिए दुर्घटना बीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का एलान किया। वित्त मंत्री ने अटल पेंशन योजना शुरू करने का एलान किया। इसके तहत एक हजार रुपये कर्मचारी और एक हजार रुपये सरकार देगी। 60 साल की उम्र के बाद कर्मचारी इसका लाभ उठा सकेंगे।

वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को बीमा कवर दिया जाएगा। इसमें 12 रुपये के सालाना प्रीमियम पर दो लाख का बीमा कवर होगा। साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए नई मंजिल योजना की घोषणा की गई। इसके लिए 3738 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बजट में मध्यान्ह भोजन सहित शिक्षा क्षेत्र के लिए 68,968 करोड़, कृषि सिंचाई के लिए एक हजार करोड़, बाल विकास स्कीम के लिए 1500 करोड़, नीति आयोग को एक हजार करोड़, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 33,152 करोड़, मनरेगा सहित ग्रामीण विकास गतिविधियों के लिए 79,526 करोड़, आवास और शहरी विकास के लिए 22,407 करोड़, महिला एवं बाल विकास के लिए 10,351 करोड़ और जल संसाधन तथा नमामि गंगे के लिए 4,173 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्भया फंड में अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई।

जेटली ने घोषणा की कि ईपीएफ के संबंध में कर्मचारियों को दो विकल्प चुनने की आवश्यकता है। पहला कर्मचारी या तो ईपीएफ या नई पेंशन योजना चुन सकता है और यह मालिकों के योगदान को कम या प्रभावित किए बिना होना चाहिए। ईएसआइ के बारे में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ईएसआइ या आइआरडीए द्वाारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्प होना चाहिए।

वित्त मंत्री ने वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और सट्टेबाजी कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग को सेबी में विलय करने का प्रस्ताव किया है। वित्त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव है। वित्त विधेयक के जरिए फेमा की धारा-6 में संशोधन का भी प्रस्ताव किया गया है ताकि इक्विटी की तरह ही पूंजी प्रवाहों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श करके सरकार द्वारा नियंत्रण रखा जाए।

अरुण जेटली ने स्वर्ण मुद्रीकरण के लिए कई कदमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ताओं में से एक है। प्रतिवर्ष 800-1000 टन स्वर्ण आयात होता है। उन्होंने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना जारी करने की घोषणा की, जो स्वर्ण जमा और स्वर्ण ऋण दोनों का स्थान लेगी। इसके अलावा स्वर्ण सिक्का भी बनाने का का काम शुरू किया जाएगा जिसके पटल पर अशोक चक्र बना होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 25 विश्व सांस्कृतिक धरोहर स्थलों पर सुविधाओं की काफी कमी है और उनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। इसके लिए यहां काम शुरू करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, हिमाचल और तमिलनाडु में नया एम्स खाेलने का एलान किया। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में आइआइएम खोलने की घोषणा की। अरुणाचल प्रदेश में एक फिल्म इंस्टीच्यूट भी खोलने की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने 150 देशों के लिए वीजा ऑन अराइवल, देशभर में नेशनल स्किल डेपलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की बात कही। आइएसएम धनबाद को आइआइटी का दर्जा देने की घोषणा की गई। जेटली ने बिहार और पश्चिम बंगाल विशेष सहायता देने की घोषणा की।

रक्षा क्षेत्र को बेहद अहम बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दो लाख 86 हजार 727 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सेना का अाधुनिकीरण करना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है।

मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वित्त मंत्री ने आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं किया। इसका अर्थ यह है कि व्यक्तिगत आयकर में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक छूट जारी रहेगा। वहीं एक करोड़ से ज्यादा की आय वालों को दो फीसद सरचार्ज देना होगा। दूसरी ओर जेटली ने स्वास्थ्य बीमा पर अवश्य टैक्स छूट 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने की घोषणा की, जबकि बुजुर्गों के लिए यह छूट 30 हजार होगी। बजट में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक की गंभीर बीमारी के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60 हजार से बढ़ाकर रुपये 80 कर दी जाए। साथ ही सुकन्या समृदि्ध योजना में निवेश किए जाने पर 80सी के तहत रियायत मिलेगी और इस योजना के तहत किए जाने वाले किसी भुगतान पर कर नहीं लगेगा।

योग के महत्व को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने इसे धर्मार्थ प्रयोजन में शामिल करने का प्रस्ताव किया। धर्मार्थ संस्थाओं के सामने आ रही समस्याओं को कम करने के लिए इनके क्रियाकलापों से होने वाली प्राप्तियाें पर अधिततम सीमा संशोधित करके 25 लाख की मौजूदा सीमा से कुल प्राप्तियां 20 फीसद करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए गैर लाभकारी संगठनों का एक नेशनल डेटा भी तैयार करने का प्रस्ताव है।

बजट में कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो अगले चार साल में लागू होगा। साथ ही सेवा कर को 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद करने का प्रस्ताव है। इससे रेस्टोरेंट का खाना, हवाई यात्रा, फाेन बिल, घर खरीदना, केबल टीवी, वाई-फाई आदि महंगा हो जाएगा। वहीं केंद्रीय उत्पाद कर को 12.5 फीसद किया गया है।

वित्त मंत्री ने टैक्स चोरी और काले धन को वापस लाने के लिए नया कानून बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत टैक्स चोरी करने वालों को 10 साल और विदेशों में काला धन छुपाने वालों को सात साल की कड़ी सजा का प्रावधान है। लेन-देन को पारदर्शी बनाने के लिए अब एक लाख रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर पैन कार्ड देना अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है।

इसके आलवा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केंद्रीय सहायता से मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 24 योजनाएं परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ चलाई जाएंगी, जबकि 31 योजनाओं को सरकार से पूरी सहायता दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.