कश्मीर में आइएस के प्रति सहानुभूति रखने वालों पर नजर
पेरिस हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने वादी में आइएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले लोगों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी है। विभिन्न सोशल साइटों पर सक्रिय युवकों के अलावा कई बुद्घिजीवी, लेखक और मानवाधिकारवादी भी एजेंसियों की रडार पर हैं।
श्रीनगर। पेरिस हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने वादी में आइएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले लोगों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी है। विभिन्न सोशल साइटों पर सक्रिय युवकों के अलावा कई बुद्घिजीवी, लेखक और मानवाधिकारवादी भी एजेंसियों की रडार पर हैं।
हालांकि पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्रा ने कई बार जम्मू-कश्मीर में आइएस की उपस्थिति को नकारा है। दो दिन पहले भी उन्होंने कहा कि आइएस का राज्य में कोई आधार नहीं है, लेकिन जिहादी तत्वों के ऑनलाइन दुष्प्रचार और कश्मीर से विभिन्न सोशल साइटों पर पेरिस हमलों को सही ठहराए जाने का संज्ञान लेते हुए पुलिस समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वह कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों, हाल ही में आतंकी संगठनों के संपर्क में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आए स्थानीय युवकों, पत्थरबाजों और आइएस के झंडे फहराने वाले तत्वों की गतिविधियों की निगरानी का निर्देश दिया गया है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में बीते दो सालों के दौरान आइएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले तत्वों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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