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    सशस्त्र सेनाओं का असाधारण राहत अभियान

    By Edited By:
    Updated: Wed, 19 Jun 2013 10:36 PM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तराखंड व हिमाचल में आसमानी कहर के बाद हालात से निपटने के लिए सशस्त्र सेनाओं ने कई दशकों में अब तक के सबसे बड़े राहत अभियान में ताकत झोंक दी है। सेना, वायुसेना के साथ सीमा सड़क संगठन के हजारों को लोग राहत बचाव कार्यो के लिए उतारे गए हैं। वायुसेना ने हालात का आकलन करने के लिए अमेरिका से खरीद

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तराखंड व हिमाचल में आसमानी कहर के बाद हालात से निपटने के लिए सशस्त्र सेनाओं ने कई दशकों में अब तक के सबसे बड़े राहत अभियान में ताकत झोंक दी है। सेना, वायुसेना के साथ सीमा सड़क संगठन के हजारों को लोग राहत बचाव कार्यो के लिए उतारे गए हैं। वायुसेना ने हालात का आकलन करने के लिए अमेरिका से खरीदे गए सी-130 जे विमान को इलाके की मैपिंग के लिए सर्वे उड़ान पर भेजा। वहीं हवाई करतब टीम के हेलीकॉप्टरों को भी इस मिशन पर लगाया गया है। केदारनाथ के प्रभावित इलाके में मदद पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान छेड़ा गया है।

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    रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उत्तरकाशी, बद्रीनाथ, हेमकुंड, केदारनाथ व जोशीमठ के इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर राहत व बचाव कार्यो पर जोर दिया जा रहा है। सेना ने जहां 5600 से अधिक सैनिक अभियान में उतारे हैं वहीं सीमा सड़क संगठन ने अपने साजो-सामान के साथ 3000 लोगों को काम पर लगाया गया है। इसके अलावा वायुसेना ने अपने 20 उड़नखटोले लगाए हैं। वहीं सेना के भी 9 हेलीकॉप्टर इस मिशन में लगे हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल की टीमों को प्रभावित इलाकों में पहुंचा रहे वायुसेना के हेलीकॉप्टर लौटते समय वहां फंसे लोगों को निकाल रहे हैं। अभी तक सौ से अधिक उड़ान भर चुके वायुसेना के हेलीकॉप्टर एक हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं।

    वायुसेना मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक हिंडन से बुधवार तड़के एक सी-130 जे विमान को उत्तराखंड में नुकसान के आकलन व स्थिति का जायजा लेने के लिए सर्वेक्षण उड़ान पर भेजा गया था। विशेष मैपिंग उपकरणों से लैस विमान ने सूबे के बाढ़ प्रभावित इलाकों से सूचनाएं जमा की। वायुसेना अधिकारियों के मुताबिक ताजा जानकारियों के आधार पर बचाव कार्य में लगे अमले को कम समय और सही जगह पर राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी। वायुसेना ने ऑपरेशन राहत में अपने 20 उड़नखटोले लगाए हैं। हालांकि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के कारण इन उड़नखटोलों को लैंडिंग में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वायुसेना ने अपने हवाई करतब टीम सारंग को भी राहत मिशन पर लगाया है।

    केदारनाथ इलाके में हुए विनाश के बाद हालात को संभालने के लिए ंिवशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत इलाके में एक अस्थायी हैलीपैड बनाया जा रहा है ताकि वहां हेलीकाप्टरों को उतारा जा सके। सेना ने सोनप्रयाग व केदारनाथ में फंसे सभी लोगों को इकट्ठा करने की योजना बनाई है। वहां से 21 व 22 जून से लोगों को हेलीकॉप्टरों की मदद से बाहर निकाला जाएगा। केदारनाथ व बद्रीनाथ सेक्टर में सेना ने हेलीकॉप्टरों की मदद से पहुंचाए गए अपने जवानों को सड़क मार्ग पर हर दो किमी पर तैनात किया है। सेना की 12 मेडिकल टीमें प्रभावित लोगों को चिकित्सा मदद देने के लिए लगाई गई हैं। इसके अलावा सेना ने एक हेल्पलाइन भी शुरू की है।

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