रूस: सेंट पीटर्सबर्ग के मेट्रो स्टेशनों पर धमाके के बाद दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा कड़ी
रूस के सेंट्स पीटर्सबर्ग मेट्रो स्टेशन में एक धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में 50 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मास्को, एएनआई। रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर सेंट पीटर्सबर्ग में सोमवार को भूमिगत मेट्रो में जबर्दस्त धमाका हुआ। इसमें कम-से-कम 10 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, सेन्नया प्लोशद और टेक्नोलॉजीचेस्की इंस्टीट्यूट स्टेशनों के बीच दोपहर बाद 2.40 बजे (स्थानीय समय) भूमिगत मेट्रो में यह धमका हुआ। सेंट पीटर्सबर्ग की आपात सेवा ने शुरू में कहा था कि दो धमाके हुए हैं। लेकिन, बाद में एक अधिकारी ने कहा कि एक ही धमाका हुआ है। उस समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शहर में ही थे। वह बेलारूस के नेता एलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात के लिए यहां आए हैं।
पुतिन ने कहा कि धमाके के कारणों का पता लगाया जा रहा है। यह आतंकी हमला भी हो सकता है। वह सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। भीड़भाड़ वाले वक्त किए गए इस धमाके से मेट्रो के कोच के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद घायल यात्रियों को सेन्नया प्लोशद स्टेशन पर लाया गया। रूस के स्थानीय न्यूज चैनलों के फुटेज में खून से लथपथ घायल लोग प्लेटफॉर्म पर जहां-तहां पड़े दिखाई दिए। आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों और सहयात्रियों द्वारा उनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा था। एक प्लेटफॉर्म के पास धमाके से एक बड़ा गड्ढा बन गया। एक चश्मदीद ने ट्विटर पर लिखा कि जब वह स्वचालित सीढि़यों से नीचे उतर रहा था, तभी एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरी सुरंग दहल गई। धमाके के बाद कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है और सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है।
नेल बम से किया हमला
मेट्रो ट्रेन में धमाका कील बम (नेल बम) से किया गया। इसमें ज्यादा लोगों को घायल करने के लिए कीलों का प्रयोग किया जाता है। कीलें छर्रे के रूप में काम करती हैं, जिससे छोटे क्षेत्र में अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उन्होंने हमलावर को अपनी पीठ पर लटका बैग ट्रेन के भीतर फेंकते देखा। इसके बाद धमाका हुआ। इससे पहले हुए आतंकी हमले-2010 में मॉस्को के दो मेट्रो स्टेशनों पर आत्मघाती हमले में 40 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी चेचेन विद्रोहियों ने ली थी। -वर्ष 2013 में सोचि विंटर ओलंपिक गेम्स के दौरान दो आत्मघाती हमले हुए थे। इसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी।-- वोल्गोग्राद के दक्षिणी शहर के रेलवे स्टेशन पर बम धमाका। 18 लोगों की जानें गई। दूसरा हमला ट्रॉलीबस पर हुआ, जिसमें 16 लोगों की जान गई।
दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा कड़ी
सेंट पीटर्सबर्ग में हुए धमाके के बाद नई दिल्ली में भी मेट्रो की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को राजधानी के डेढ़ सौ से अधिक स्टेशनों की सुरक्षा अधिकतम स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और मेट्रो अधिकारियों की मदद से आने और जाने के रास्ते की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कश्मीरी गेट और राजीव चौक जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम को पैनी निगाह रखने के लिए कहा गया है।
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