मुंबई : 'चार बैंकों ने एक व्यापारी की काली कमाई को सफेद करने में की मदद'
नोटबंदी के दौरान चार बैंकों के अधिकारियों ने मुंबई के जवेरी बाजार के एक व्यापारी की मदद कर उसके 150 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद बनाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय ने चार बैंकों के अधिकारियों पर नोटबंदी के दौरान फर्जी लेन-देन करके एक कारोबारी की मदद करने का आरोप लगया है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में इन बैकों को पत्र लिखा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि नोटबंदी के दौरान इन बैंकों के अधिकारियों ने मुंबई के जवेरी बाजार के एक बुलियन व्यापारी की मदद कर उसके 150 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद बनाया है।
ED ने पत्र में कहा है कि फर्जी ट्रांसजेक्शन करके बैंकों में डिपोजिट करवाकर कारोबारी की मदद की गई है। ताकि कारोबारी के पैसे को वैध बनाया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंक अधिकारियों ने कारोबारी के पैसे को कई ऐसी कंपनियों के अकाउंट में डिपोजिट किया, जो सिर्फ कागज पर मौजूद हैं। बैंक अधिकारियों ने कारोबारी के पैसे को मैनेज करने के लिए कई फर्जी अकाउंट में जमा कराया। बैंक अधिकारियों ने कारोबारी के पैसे को फर्जी कंपनियों के जरिए वैध बनाने में मदद की।
दावा किया गया कि यह पैसा सोना बेचकर प्राप्त किया गया। प्रवर्तन निदेशालय को इस पूरे मामले में इन बैंक अधिकारियों के मिलीभगत का संदेह है।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नंबर की मध्यरात्रि को घोषणा कर पुराने 500 और एक हजार रुपये के नोट को बंद करने की घोषणा की थी। जिसके बाद से कई बैंक अधिकारियों पर कारोबारियों के पैसे सफेद करने का आरोप लग चुका है।
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