ध्वनि से सात गुना तेज ब्रह्मोस बनाएंगे भारत-रूस
तिरुचिरापल्ली। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत ध्वनि की गति से पांच से सात गुना तेज मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के विकास कोशिशें तेज हो गई हैं। कंपनी के एमडी और सीईओ शिवातनु पिल्लई के मुताबिक, वैज्ञानिक मिसाइल के डिजाइन और विकास से पहले शोध कार्य में जुट गए हैं। अगले पांच सालों में यह मिसाइल तैयार हो जाने
तिरुचिरापल्ली। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत ध्वनि की गति से पांच से सात गुना तेज मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के विकास कोशिशें तेज हो गई हैं। कंपनी के एमडी और सीईओ शिवातनु पिल्लई के मुताबिक, वैज्ञानिक मिसाइल के डिजाइन और विकास से पहले शोध कार्य में जुट गए हैं। अगले पांच सालों में यह मिसाइल तैयार हो जाने की उम्मीद है।
यह ध्वनि से 2.8 से 3.5 गुना तेज मार करने वाली ब्रह्मोस के मौजूदा संस्करण का उन्नत स्वरूप होगा। उन्होंने बताया कि बेंगलूर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में 20 वैज्ञानिकों की टीम मिसाइल बनाने के लिए उच्च ताप सहने वाले पदार्थ और जरूरी संसाधनों को विकसित करने में जुटी है। जबकि संयुक्त उद्यम के रूसी प्रतिभागी मास्को इंस्टीट्यूट आफ एविएशन हाइपरसोनिक ब्रह्मोस की प्रोपल्शन तकनीक, गतिज ऊर्जा के मॉड्यूल पर कार्य कर रहा है।
पिल्लई ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ती घरेलू मांग को देखते हुए हैदराबाद और तिरुअनंतपुरम स्थित यूनिटों के आधुनिकीकरण और विस्तार पर भी विचार चल रहा है। उनके मुताबिक, वायुसेना ने भी ब्रह्मोस के लिए आर्डर देना शुरू कर दिया है। जबकि थलसेना और नौसेना इसके नियमित उपभोक्ता हैं।
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