भाजपा-आप में कांटे की टक्कर, किसी भी तरफ जा सकता है पलड़ा
दिल्ली में सत्ता की लड़ाई बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ खड़ी हुई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य लड़ाई है लेकिन कांग्रेस भी इसे त्रिकोणीय बनाने को लेकर एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। मतदान से एक दिन पहले क्या है दिल्ली चुनाव का समीकरण, जानते हैं
नई दिल्ली। दिल्ली में सत्ता की लड़ाई बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ खड़ी हुई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य लड़ाई है लेकिन कांग्रेस भी इसे त्रिकोणीय बनाने को लेकर एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। मतदान से एक दिन पहले क्या है दिल्ली चुनाव का समीकरण, जानते हैं दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख राजकिशोर से...
भारतीय जनता पार्टी की असली चुनौती अपने समर्थकों को घर से बाहर निकालने की है। क्योंकि पहले भी देखा गया है कि जब कभी पार्टी अति आत्मविश्वास का शिकार हुई तो हारी है और सर्तक रही है तो खोई जमीन पाई है। पिछले आठ-दस दिनों में देखा गया है कि भाजपा ने दिल्ली चुनाव में अपने सारे घोड़े खोल दिए। कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, संगठन के वरिष्ठ नेता और स्वयं प्रधानमंत्री ने भी सभाएं कीं। अंतिम समय में संघ को भी मैदान में कूदना पड़ा।
जैसा कि पहले भी हम देखते आए हैं आप के समर्थक मुखर होते हैं और खुलकर मतदान के लिए आते हैं लेकिन भाजपा के साथ ऐसी बात नहीं है। लोकसभा चुनाव की तरह पार्टी कार्यकर्ता उतने ऊर्जावान नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। जबकि आप के कार्यकर्ता पिछले छह-सात महीने से क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं के शिथिल पड़ने की बड़ी वजह किरण बेदी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी मानी जा रही है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो भाजपा और आप के बीच मुकाबला बराबरी का है। जिसके वोटर निकलकर पोलिंग बूथ तक पहुंचेंगे परिणाम उनके पक्ष में जाएगा।
जहां तक कांग्रेस और अजय माकन का सवाल है तो यदि वे पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन कर पाए या पुराना प्रदर्शन भी दोहरा पाए तो पार्टी में उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी।
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