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डीयू छात्रों के लिए खुशखबरीः हाजिरी में मिल सकती है राहत

हर साल परीक्षा से पहले हाजिरी को लेकर परेशान रहने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए पहले, तीसरे व पांचवें सेमेस्टर में लागू 66 फीसद यानी दो तिहाई हाजिरी की अनिवार्यता को खत्म कर 40 फीसद की हाजिरी का

By anand rajEdited By: Published: Sun, 18 Jan 2015 11:01 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jan 2015 01:51 PM (IST)
डीयू छात्रों के लिए खुशखबरीः हाजिरी में मिल सकती है राहत

नई दिल्ली, (शैलेंद्र सिंह, नई दुनिया)। हर साल परीक्षा से पहले हाजिरी को लेकर परेशान रहने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए पहले, तीसरे व पांचवें सेमेस्टर में लागू 66 फीसद यानी दो तिहाई हाजिरी की अनिवार्यता को खत्म कर 40 फीसद की हाजिरी का नया नियम लागू करने की तैयारी की है। हालांकि नई व्यवस्था के अंतर्गत विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के लिए दूसरे, चौथे व छठे सेमेस्टर में पूर्व के सेमेस्टर की दो-तिहाई हाजिरी में रही कमी को पूरा कराने की अनिवार्यता को भी लागू करने का नियम तैयार किया है।

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डीयू विद्वत परिषद् की आगामी 21 जनवरी को होने जा रही बैठक में विद्यार्थियों के लिए हाजिरी की अनिवार्यता के मोर्चे पर बड़ी राहत देने के सम्बंध में जो प्रस्ताव लाया जा रहा है उसमें कहा गया है कि पहले, तीसरे व पांचवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को 40 फीसद हाजिरी होने पर भी परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। इसका अधिकार कॉलेज प्राचार्य को होगा कि विद्यार्थियों को किस हद तक राहत दी जाए। ऐसे छात्र जो एनसीसी, एनएसएस, इंटर यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल व यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स काउंसिल से जुड़ी गतिविधियों में लगे होंगे उन्हें भी हाजिरी के मोर्चे पर राहत मिलेगी। यहां बता दें कि हर साल हाजिरी के विषय को लेकर विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में परीक्षा तिथि करीब आने पर प्रवेशपत्र जारी करने की मांग को लेकर छात्र प्रतिनिधि विरोध-प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में अक्सर प्राचार्य खुद को नियमों के चलते राहत देने के स्तर पर असहाय बताते हैं। इस प्रस्ताव के मंजूर हो जाने पर विद्यार्थियों और कॉलेज प्रशासन के बीच परीक्षा से पूर्व प्रवेश पत्र को लेकर होने वाली तकरार कम होगी।

कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई होगी सस्ती, फीस में भी राहत देने की तैयारी

विद्वत परिषद् की आगामी बैठक में आने वाले एक अन्य प्रस्ताव में एमसीए व एमएससी कंप्यूटर साइंस की फीस में भी बड़ी राहत देने की तैयारी है। अभी तक इन पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों से प्रति सेमेस्टर 8150 रुपये लिए जा रहे थे लेकिन अब फीस में 7 हजार रुपये की राहत मिलने जा रही है। एक अन्य प्रस्ताव में दूसरे व तीसरे साल के विद्यार्थियों के लिए स्किल आधारित एडऑन कोर्सेज भी लाने की योजना है। ये कोर्स आगामी सत्र 2015--16 से शुरू होंगे। इनमें आईटी--आईटीईएस, बीएफएसआई, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट व ऑटोमोटिव शामिल हैं।

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