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कालेधन की जांच डीआरआइ से करवाने का निर्देश

काले धन की आवाजाही पर सालाना अध्ययन जारी करने वाली एजेंसी ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआइ) की ताजी रिपोर्ट में भारत में काले धन को लेकर जो तथ्य दिए गए हैं उसकी जांच अब सरकारी एजेंसी करेगी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2016 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2016 09:26 PM (IST)
कालेधन की जांच डीआरआइ से करवाने का निर्देश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। काले धन की आवाजाही पर सालाना अध्ययन जारी करने वाली एजेंसी ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआइ) की ताजी रिपोर्ट में भारत में काले धन को लेकर जो तथ्य दिए गए हैं उसकी जांच अब सरकारी एजेंसी करेगी।

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से काले धन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) को निर्देश दिया है कि वह जीएफआइ की रिपोर्ट की जांच करे। दिसंबर, 2015 में जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2004 से वर्ष 2013 के बीच भारत से 510 अरब डॉलर की राशि काले धन के तौर पर बाहर भेजी गयी है। अमेरिका की एजेंसी जीएफआइ की इस रिपोर्ट में इस अवधि के दौरान दुनिया भर में सात खबर डॉलर की राशि गैर कानूनी तौर पर एक देश से दूसरे देश में भेजने की बात कही थी।

एसआइटी की तरफ से पिछले हफ्ते डीआरआइ को जारी निर्देश में कहा गया है कि समिति को जीएफआइ की तरफ से विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि इस अवधि के दौरान किस देश से कितनी राशि बाहर भेजी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में औसतन हर वर्ष 51 अरब डॉलर की राशि गैर कानूनी तौर पर भारत से बाहर भेजी गई है। अब डीआरआइ से कहा गया है कि वह यह सत्यापित करे कि इस रिपोर्ट में दी गई सूचना में कितनी सच्चाई है। चूंकि दुनिया भर में काले धन से जुड़ी चर्चा में बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा जीएफआइ की रिपोर्ट का काफी हवाला दिया जाता है। ऐसे में भारत के संदर्भ में दी गई जानकारी का सत्यापन करना जरुरी है। अब डीआरआई की रिपोर्ट आने के बाद एसआइटी इस पर आगे की कार्रवाई करेगी।

जानकारों का कहना है कि सिर्फ भारतीय एजेंसियों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर की एजेंसियों के लिए जीएफआइ की रिपोर्ट का सत्यापन करना बहुत बड़ी चुनौती है। जीएफआइ ने मोटे अनुमानों के आधार पर इसे तैयार किया है। इसमें काला धन बाहर भेजने वाले देशों में सबसे ऊपर चीन को रखा गया है। रुस दूसरे स्थान पर, मैक्सिको तीसरे स्थान पर है और भारत चौथे स्थान पर। इस एक दशक में भारत से 510.29 अरब डॉलर की राशि बाहर भेजने की बात कही गई है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा आयात-निर्यात व अन्य कारोबार की आड़ में काले धन को बाहर भेजने की बात भी कही गई है। जीएफआइ ने हर देश के आयात निर्यात और उसके भुगतान संतुलन के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद गैर कानूनी तौर पर बाहर भेजी गई राशि का अनुमान लगाने का तरीका खोजा है।

यही वजह है कि एसआइटी ने यह कहा है कि उसकी दूसरी रिपोर्ट में आयात निर्यात की आड़ में काले धन के खेल की तरफ इशारा किया गया था। एसआइटी की दूसरी रिपोर्ट में आयात निर्यात के आंकड़ों की जांच पड़ताल व सत्यापन के लिए एक एजेंसी के गठन की सिफारिश भी की गई थी। बाहर से आयातित उत्पादों की कीमतों की निगरानी भी कहने की इसमें बात थी।

भारत से कब कितनी बाहर गई राशि

वर्ष-----राशि (अरब डॉलर में)

2004-19.47

2005-20.25

2006-27.79

2007-34.51

2008-47.21

2009-29.24

2010-70.38

2011-85.54

2012-92.79

2013-83.04


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