तालिबानी हिंसा से भी नहीं डरे पाकिस्तान के मतदाता
नई दिल्ली। पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए शनिवार को संपन्न हुआ मतदान धांधली और खूनखराबे भरा रहा। मतगणना के शुरुआती रुझान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। जबकि निष्पक्ष चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के दावे सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के गढ़ कराची में खोखले साबित हुए। आयोग ने यहां पर हाथ खड़े करते हुए कहा कि वह कराची में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने में नाकामयाब रहा। वहीं तालिबान आतंकवादियों ने जमकर हिंसा की। कराची, क्वेटा और पेशावर में दहशतगर्दो के धमाके में 24 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा घायल हैं।
नई दिल्ली। पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए शनिवार को संपन्न हुआ मतदान धांधली और खूनखराबे भरा रहा। मतगणना के शुरुआती रुझान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। जबकि निष्पक्ष चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के दावे सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के गढ़ कराची में खोखले साबित हुए। आयोग ने यहां पर हाथ खड़े करते हुए कहा कि वह कराची में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने में नाकामयाब रहा। वहीं तालिबान आतंकवादियों ने जमकर हिंसा की। कराची, क्वेटा और पेशावर में दहशतगर्दो के धमाके में 24 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा घायल हैं।
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पाक तालिबानी आतंकियों ने कई स्थानों पर बम विस्फोट कर लोगों को मतदान से दूर रखने की कोशिश की, लेकिन लोगों के उत्साह के आगे उनकी एक न चली। गौरतलब है कि मतदान के दौरान आतंकियों के हमले में 25 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए।
पाकिस्तान में हुए चुनाव में इस बार सेना ने भी पुरी मुश्तैदी के साथ जनता का साथ दिया। जिस बात की आशंका जताई जा रही थी कि आतंकी बड़े पैमाने पर हिंसा कर मतदान को बाधित करने की कोशिश करेंगे, उन्हें अधिक सफलता नहीं मिली। मतदान केंद्रों पर लंबी लंबी कतारें लगी रही। मतदान करने में महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं थी।
आठ करोड़ 60 लाख मतदाताओं ने 342 सदस्यों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पूरे विश्व की नजर पाकिस्तान के चुनाव पर टिकी हुई थी। 500 अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक चुनाव की निगरानी के लिए तैनात किए थे। भारत और अमेरिका सहित विश्व के अधिकांश देशों का मानना है कि अगर पाकिस्तान में मजबूत और स्थिर सरकार होगी तो आतंकवाद में कमी आएगी और इसका फायदा पाकिस्तान सहित अन्य देशों को भी होगा।
पाकिस्तान की युवा मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला युसूफजई ने भी अपने देश के लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए निकलने की अपील की थी जिससे देश में सार्थक बदलाव हो सके। भारत भी चाहता है कि पाकिस्तान में एक स्थिर और मजबूत सरकार बने।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी को काफी पीछे छोड़ सत्ता की ओर कदम बढ़ा चुकी है। सत्ताधारी पीपीपी चुनाव पूर्व ही रेस से दूर हो चुकी थी।
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