NDA की बैठकः वर्तमान ही नहीं भावी साथियों को भी भाजपा का संकेत
राजग की इतनी बड़ी बैठक लोकसभा की जीत के बाद मोदी को बतौर नेता चुने जाने वक्त संसद के सेंट्रल हाल में ही हुई थी।
नई दिल्ली [आशुतोष झा]। हाल के चुनावों में अभूतपूर्व जीत के बाद अब जबकि भाजपा की नजरें पूर्व और दक्षिण की ओर हैं तो वर्तमान सहयोगी दलों के साथ साथ भावी साथियों के लिए भी संकेत देने की कवायद शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार सोमवार को होने वाली राजग की विस्तृत बैठक में जहां भाजपा के भौगोलिक, राजनीतिक और वैचारिक विस्तार और स्वीकार्यता का संकेत दिया जाएगा वहीं यह संदेश भी होगा कि पार्टी भविष्य मे भी हर किसी का साथ चाहती है। जाहिर है कि बदले में सबका विकास होगा।
बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि क्योंकि अगले कुछ महीनों में ही राष्ट्रपति चुनाव भी होना है। यूं तो संसद में मौजूद राजग घटकदलों की बैठकें पहले भी एक दो बार हो चुकी है लेकिन सोमवार की बैठक महज समन्वय तक सीमित नहीं है। इसका राजनीतिक निहितार्थ खास माना जा रहा है। बताते हैं कि दिल्ली क् प्रवासी भारतीय केंद्र में होने वाली इस बैठक में भाजपा समेत 32 पार्टियां शामिल होंगी जिसमें तमिलनाडु और केरल समेत जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व के छोटे बड़े दल होंगे।
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ध्यान रहे कि सरकार अपना तीसरा साल पूरा करने वाली है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड की अभूतपूर्व विजय, मणिपुर और गोवा में सरकार गठन के बाद अब दक्षिण और पूर्व को लेकर रणनीति को धार दी जा रही है। पार्टी अब तक जहां सत्ता से दूर रही है- ओडिशा, तमिलनाडु, केरल जैसे उन राज्यों में भी राजग और भाजपा को स्थापित करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बताते हैं कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली व अन्य नेताओं के साथ साथ घटकदलों के अध्यक्ष व शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जाहिर है कि यह सामान्य बैठक नहीं है।
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राजग की इतनी बड़ी बैठक लोकसभा की जीत के बाद मोदी को बतौर नेता चुने जाने वक्त संसद के सेंट्रल हाल में ही हुई थी। एक वरिष्ठ नेता ने माना कि यह भावी साथियों के लिए भी संदेश होगा। उक्त नेता ने कहा- 'राजनीतिक दल देख रहे हैं कि भाजपा का साथ किस तरह उनके विकास में सहायक रहा है। भाजपा की विचारधारा हर वर्ग में स्वीकार्य है क्योंकि हम राष्ट्र और समाज और विकास की बात करते हैं। जो हमारे साथ कदम से कदम से मिलाकर चलना चाहता है हम उनका स्वागत करते हैं।' ध्यान रहे कि अगले तीन महीने में नए राष्ट्रपति का चुनाव भी है। उससे पहले राजग बैठक का तात्कालिक राजनीतिक महत्व भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
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