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    काले धन पर चौतरफा वार, IT विभाग ने की रीयल एस्टेट कंपनियों पर कार्रवाई

    कालेधन पर चौतरफा वार करते हुए आयकर विभाग ने बुधवार को एनसीआर के कई बिल्डर्स के यहां छापेमारी की।

    By kishor joshiEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2016 08:11 AM (IST)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद सरकार देशभर में नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही कालेधन पर भी चौतरफा हमलावर हो गयी है। आयकर विभाग ने बुधवार को दिल्ली एनसीआर में स्थित कई रीएल एस्टेट कंपनियों में सर्वे किया वहीं रिजर्व बैंक ने भी बैंकों को हिदायत दी कि किसी भी बैंक खाते में 50,000 रुपये से अधिक नकदी जमा करने पर पैन नंबर जरूर लिया जाए।

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    साथ ही सरकार ने आयकर कानून के तहत नियमों में बदलाव भी किया है। नए नियमों के तहत 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान ढ़ाई लाख रुपये से अधिक राशि जमा होने पर बैंक और डाकघर आयकर विभाग के पास सूचना भेजेंगे।

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    इस बीच वित्त मंत्रालय ने आयकर कानून के तहत नियमों में संशोधन किया है जिसके बाद बैंकों और डाकघर में एक दिन में किसी भी बचत खाते में 50,000 राशि जमा होने पर पैन नंबर की अनिवार्यता और 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान किसी खाते में कुल मिलाकर 2,50,000 लाख रुपये के 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा होने पर आयकर विभाग को सूचना देनी होगी। साथ ही चालू खाते में 12.50 लाख रुपये से अधिक राशि के 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा होने की सूचना भी बैंकों को आयकर विभाग के पास भेजनी होगी।

    वित्त मंत्रालय ने वार्षिक सूचना रिटर्न (एआइआर) नियमों में संशोधन कर यह प्रावधान किया है। बैंकों और डाकघरांे को इस संबंध में 31 जनवरी 2017 तक बैंकों के पास सूचना भेजनी होगी। इससे पहले आयकर विभाग को पहले 10 लाख रुपये से अधिक नकदी जमा होने पर ही सूचना देनी होती थी। सूत्रांे ने कहा कि पुराने नोट बंद होने के बाद लोग बड़ी संख्या में अपने खाते में नकदी जमा कर सकते हैं। इसलिए राजस्व विभाग ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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    आयकर विभाग ने रीएल एस्टेट कंपनियों पर सर्वे कार्रवाई के बारे में आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई की गयी है। वैसे विभाग के सूत्रों का यह भी कहना है कि इस तरह की कार्रवाई समय-समय पर की जाती है।

    उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर से लेकर अब तक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बैंकों के पास जमा हो चुके हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें कितनी राशि कालाधन है।