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    नोटबंदी की जंग में अब प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर उतरा विपक्ष

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 27 Dec 2016 08:41 PM (IST)

    राहुल ने कहा कि इस डायरी में लेन-देन के ब्यौरे पर कांग्रेस नेता शीला दीक्षित जांच के लिए तैयार हैं तो फिर पीएम मोदी क्यों जांच से भाग रहे?

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार के खिलाफ विपक्षी गोलबंदी की अगुवाई करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने नोटबंदी को नाकाम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की मांग की है। राहुल ने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार को नोटबंदी के जरिए खत्म करने की प्रधानमंत्री की घोषणा असफल साबित हुई। तो ममता ने कहा कि पीएम ने देश से जो 50 दिन मांगे थे उसमें तीन दिन ही बाकी हैं और हालात खराब हैं।

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    नोटबंदी पर संसद में साथ रहे विपक्षी कुनबे के आधे दलों की गैरमौजूदगी में राहुल और ममता ने सरकार पर देश में सुपर इमरजेंसी जैसे हालात पैदा करने का भी आरोप लगाया। सरकार के खिलाफ विपक्षी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए दोनों ने नोटबंदी पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) बनाने का भी एलान किया है। संसद में 16 पार्टियों की एकजुटता और राजनीतिक मंच पर उनके साथ नहीं आने को लेकर राहुल-ममता दोनों ने सफाई दी कि थोड़े बहुत मुद्दे पर राय अलग हो सकती है मगर सभी दल नोटबंदी पर साथ हैं।

    राहुल ने कहा कि जरूरी नहीं कि सभी पार्टियों की हर मुद्दे पर एक जैसी राय हो मगर असली बात यह है कि विपक्षी खेमे के सभी दल मानते हैं कि नोटबंदी के जरिए कालेधन व भ्रष्टाचार को खत्म करने का पीएम का दावा फेल हो गया है। इसकी जगह काले पैसे को सफेद करने की एक नई काली व्यवस्था ने जन्म ले लिया है। इसलिए जाहिर तौर पर इस नाकामी की जवाबदेही प्रधानमंत्री की बनती है।

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    इस्तीफे की मांग सरकार के ठुकराने की हालत में विपक्ष का रुख पूछे जाने पर राहुल-ममता ने कहा कि इसके लिए हम सियासी दबाव बनाएंगे। ममता ने कहा कि नोटबंदी सुपर इमरजेंसी है क्योंकि लोगों को अपने ही पैसे निकालने का संवैधानिक हक छीना गया है। उन्होंने संसद के पटल पर नोटबंदी पर सरकार के किसी तरह के बयान नहीं रखने को भी इसका नमूना बताते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को लेकर कितनी बेपरवाह है।

    विपक्षी नेताओं की इस संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस और टीएमसी के साथ राजद, द्रमुक, आईयूएमएल, एयूडीएफ, जद एस और झामुमो शामिल हुए। जबकि वाममोर्चा के सभी दलों, जनता दल यूनाइटेड, एनसीपी, सपा और बसपा इसमें शामिल नहीं हुए।

    गब्बर की तरह डरा रहे मोदी: ममता

    तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केन्द्र की सत्ता की ताकत के बूते पीएम मोदी विपक्षी नेताओं ही नहीं देश को गब्बर सिंह की तरह डरा रहे हैं।

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    उन्होंने कहा कि राजनीति दल सत्ता में आते-जाते रहते हैं मगर सियासी विद्वेष ठीक नहीं है। जबकि यह सरकार कभी मायावती, मुलायम, लालू, सोनिया गांधी तो कभी ममता, नीतीश सबको सुबह से शाम गब्बर सिंह की तरह डराने की कोशिश कर रही है।राहुल ने पीएम से अपने आरोपों पर मांगा जवाबविपक्षी नेताओं की नोटबंदी पर इस संयुक्त प्रेस कांफ्रेस का राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सहारा-बिड़ला डायरी के आधार पर लगाए अपने आरोपों पर जवाब मांगने के लिए भी इस्तेमाल किया।

    राहुल ने कहा कि इस डायरी में लेन-देन के ब्यौरे पर कांग्रेस नेता शीला दीक्षित जांच के लिए तैयार हैं तो फिर पीएम मोदी क्यों जांच से भाग रहे? उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री को विशेष छूट नहीं होनी चाहिए।

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