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    विदेशी नौकरी के लिए अब नहीं लगाने होंगे दिल्ली के चक्कर

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 13 Jul 2017 03:54 AM (IST)

    विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले हजारों लोगों को अब दस्तावेजों पर सील-ठप्पा लगवाने दिल्ली के चक्कर नहीं लगाने प़़डेंगे।

    विदेशी नौकरी के लिए अब नहीं लगाने होंगे दिल्ली के चक्कर

    भोपाल [ राजीव सोनी ] नईदुनिया। विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले हजारों लोगों को अब अपने दस्तावेजों पर सील-ठप्पा [अटेसटेशन एंड एप्पोस्टाइल] लगवाने दिल्ली के चक्कर नहीं लगाने प़़डेंगे। राजधानी में बनने वाले विदेश भवन में ही यह औपचारिकता पूरी होने लगेगी। विदेश मंत्रालय के सभी दफ्तर एक ही छत के नीचे आ जाएंगे। भोपाल में विदेश भवन को हरी झंडी मिल गई है अगले सप्ताह इंजीनियरों की टीम योजना को अंतिम रूप देने आ रही है।
    मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों से हर साल ब़़डी संख्या में युवा विदेशों में नौकरी और उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। जिन लोगों को विदेशों में नौकरी का अवसर मिलता है, उन्हें अपने दस्तोवेजों पर विदेश मंत्रालय से 'अटेसटेशन एंड एप्पोस्टाइल' [ प्रमाणीकरण ] कराना अनिवार्य होता है। इसके बिना कहीं भी नौकरी पाना संभव नहीं रहता। इस औपचारिकता के लिए संबंधित व्यक्ति को दिल्ली के चक्कर लगाना प़़डते हैं। भोपाल में विदेश भवन बनने के बाद यह सुविधा यहीं मिलने लगेगी। दिल्ली जाने की जरूरत नहीं प़़डेगी।
    डेढ़ लाख पासपोर्ट
    क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि मध्यप्रदेश में हर साल डे़ढ लाख से अधिक लोग पासपोर्ट बनवाते हैं। इनमें से हजारों की संख्या ऐसे लोगों की रहती है जो दूसरे देशों में रोजगार के लिए जाते हैं।उच्च शिक्षा के लिए जाने वालों की संख्या भी हजारों में है। विदेश भवन बनने के बाद ऐसे लोगों को दस्तावेजों पर 'अटेशटेशन एंड एप्पोस्टाइल' की सुविधा शुरू हो जाएगी।
    भोपाल-इंदौर के सर्वाधिक लोग
    विदेशों में नौकरी के लिए वैसे तो प्रदेश के सभी जिलों के लोग जाते हैं लेकिन इनमें राजधानी भोपाल एवं इंदौर [ [ मालवा अंचल ] के बाशिंदों की संख्या ज्यादा रहती है। सबसे ज्यादा पासपोर्ट बनवाने वाले इंदौर अंचल से ही आते हैं। पासपोर्ट अधिकारी राय ने बताया कि पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या हर साल औसतन 20 फीसदी ब़़ढ रही है।
    यह भी होगा विदेश भवन में
    विदेश मंत्रालय के सभी कार्यालय अब एक ही छत के नीचे काम करने लगेंगे। भोपाल में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद [आईसीसीआर] का रीजनल आफिस भी काम कर रहा है। यह दफ्तर भी बाणगंगा से उठकर विदेश भवन में शिफ्ट हो जाएगा। पासपोर्ट सेवा केन्द्र एवं पासपोर्ट आफिस के अलावा 'अटेसटेशन एंड एप्पोस्टाइल' के लिए विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर भी बैठने लगेंगे। वीजा संबंधी प्रारंभिक जानकारी भी विदेश भवन से हासिल होने लगेंगी।
    भवन का नक्शा होगा फायनल
    विदेश मंत्रालय दिल्ली से आने वाली इंजीनियरों की टीम में अधीक्षण एवं कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारी रहेंगे। ये लोग भवन का आर्किटेक्चर के अलावा निर्माण संबंधी कई प्रस्तावों को अंतिम रूप देंगे। इस अवसर पर विदेश भवन के नक्शे को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद तुरंत ही निर्माण कार्य के लिए टैंडर की कार्रवाई कर दी जाएगी।

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