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    'आप' के कानून मंत्री पर भारी पड़ा अल्पज्ञान

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    Updated: Wed, 08 Jan 2014 01:29 PM (IST)

    आप की शासन-प्रशासन को चलाने के अल्प-ज्ञान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। दिल्ली की अदालतों के जजों की बैठक बुलाने से इन्कार करने पर कानून सचिव को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने फटकार लगाई। इससे नाराज सचिव ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपने तबाद

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आप की शासन-प्रशासन को चलाने के अल्प-ज्ञान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। दिल्ली की अदालतों के जजों की बैठक बुलाने से इन्कार करने पर कानून सचिव को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने फटकार लगाई। इससे नाराज सचिव ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपने तबादले की मांग की है जिससे यह विवाद गहरा गया है। हालांकि, कानून मंत्री ने बुधवार शाम को फटकार लगाने संबंधी आरोपों से इन्कार किया है। मगर, उन पर लगे इस आरोप से आप के खिलाफ अन्य दलों के सियासी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मामले की कड़ी निंदा की है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती के सचिव एएस यादव ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रामना को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने बताया है कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने उन्हें कहा कि वह दिल्ली के सभी जजों की एक बैठक बुलाएं और इस बैठक को वह संबोधित करेंगे। इस पर उन्होंने कानून मंत्री को कहा कि दिल्ली का न्यायिक तंत्र स्वतंत्र रूप से कार्य करता है। जजों की बैठक बुलाने का अधिकार उनके पास नहीं है। जजों की बैठक बुलाने का अधिकार केवल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को है। इस पर कानून मंत्री ने उन्हें फटकारते हुए उन पर पूर्व सरकार का पक्षधर होने का आरोप लगाया और कहा कि वह इसीलिए आप सरकार के त्वरित न्याय प्रणाली लागू करने के रास्ते में बाधा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

    सूत्रों के अनुसार कानून सचिव ने चीफ जस्टिस को कहा है कि उन्हें वापस न्यायिक प्रणाली में बुला लिया जाए, क्योंकि उन्हें डर है कि कानून मंत्री किसी न किसी बात पर उनकी कमी निकालते हुए उन पर कार्रवाई कर सकते हैं। एएस यादव दिल्ली में जिला जज के तौर पर कार्यरत थे, उन्हें प्रतिनियुक्ति पर कानून सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। सूत्र बताते हैं कि चीफ जस्टिस ने कानून सचिव को आश्वासन दिया है कि वे उन्हें दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का शिकार नहीं होने देंगे।

    मैंने सचिव को नहीं फटकारा: मंत्री

    मैंने सचिव से कोई दु‌र्व्यवहार नहीं किया है। आप सरकार लोगों को त्वरित न्याय दिलाने की प्रक्रिया लागू करने के अपने वादे पर वचनबद्ध है। मैं जजों की बैठक बुलाना चाहता हूं, ताकि लोगों को जल्दी न्याय मिले और इस मार्ग में आने वाली बाधाओं के संबंध में जजों से बात कर सुधार किया जा सके। मुझ पर लगाए गए दु‌र्व्यवहार संबंधी आरोप बेबुनियाद हैं। -सोमनाथ भारती, कानून मंत्री, दिल्ली सरकार।

    मंत्री का यह व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण

    कानून मंत्री द्वारा सचिव के साथ किया गया व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। कानून मंत्री को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि एक सरकारी कर्मचारी से कैसा व्यवहार किया जाता है और न्यायिक तंत्र में किसी प्रकार का दखल देना उचित नहीं होता है। -अरविंदर सिंह लवली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

    मंत्री का व्यवहार अनुचित

    बड़े ही आश्चर्य की बात है कि कानून मंत्री, जो खुद एक वकील हैं इस तरह का अनुचित व्यवहार कानून सचिव के साथ करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। कानून मंत्री को मालूम होना चाहिए कि एक कानून सचिव से किस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए। -डॉ. हर्षवर्धन, नेता, दिल्ली भाजपा विधायक दल

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