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    देश की राजधानी दिल्ली में काफी हद तक काबू किया संक्रमण, जानें क्‍या है अन्‍य राज्‍यों का हाल

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jul 2020 08:55 PM (IST)

    10 लाख प्रति आबादी पर हिंदी भाषी राज्यों में जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ क्रमश दूसरे तीसरे स्थान पर हैं।

    देश की राजधानी दिल्ली में काफी हद तक काबू किया संक्रमण, जानें क्‍या है अन्‍य राज्‍यों का हाल

    नई दिल्ली (जागरण रिसर्च)। अनलॉक-2 में मिली अधिकतम छूटों और एहतियात बरतने में विफल हो रहे लोगों के चलते कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ विशेषज्ञ देश में सामुदायिक संक्रमण के शुरू होने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन सरकार इसे सिरे से खारिज करती दिखती है। रोज आने वाले नए मामले और उनकी दिनोंदिन बढ़ती संख्या लोगों को ज्यादा सतर्कता के साथ उनके दैनंदिन काम को पूरा करने पर जोर देती है। ऐसे में अगर रोजाना आ रहे नए मामलों के हिसाब से राज्यवार कोई किसी नतीजे पर पहुंचना चाहे तो दिक्कत यह होती है कि कोई राज्य बड़ा है तो कोई छोटा।

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    कोई ज्यादा संसाधन युक्त है तो कोई कम संसाधन युक्त हैं। कहीं नियम कानूनों का शिद्दत से पालन किया-कराया जा रहा है, कहीं ऐसा नहीं हो पा रहा है। इन तमाम पहलुओं के बाद भी अगर कोई जानना चाहे कि किस राज्य की स्थिति ज्यादा बेहतर और किसकी ज्यादा खराब है तो सभी राज्यों की एक निश्चित आबादी पर आंकड़ों की गणना करनी होगी। इस प्रकार प्रति दस लाख आबादी पर उत्तर भारत के राज्यों में 24 घंटे के भीतर आने वाले मामलों में दिल्ली शीर्ष पर है। 

    देश की राजधानी दिल्ली में संक्रमण को काफी हद तक काबू किया जा चुका है, लेकिन 1.67 करोड़ आबादी वाले इस राज्य में हर रोज करीब 1475 मामले सामने आ रहे हैं। इस लिहाज से प्रति दस लाख आबादी पर 24 घंटे में आने वाले मामलों का अनुपात 88 बैठता है। 1.22 करोड़ आबादी वाला जम्मू-कश्मीर इस मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां इस अनुपात का आंकड़ा 36.14 फीसद है। 0.10 करोड़ आबादी वाला चंड़ीगढ़ तीसरे पायदान पर है। 24 घंटे में 31 नए मामलों के साथ प्रति दस लाख आबादी पर इसका अनुपात 31 है।

    बेहतर तस्वीर वाला हिमाचल प्रदेश:

    देश के सबसे उत्तर में स्थित इस पहाड़ी राज्य की कुल आबादी 0.68 करोड़ है। 18 जुलाई को यहां 24 घंटे में कुल नए केस 40 सामने आए। इस लिहाज ये 24 घंटे में यहां प्रति दस लाख आबादी पर आने वाले नए मामलों का आंकड़ा 5.88 यानी करीब छह व्यक्तियों का आता है।

    औसत प्रदर्शन वाले राज्य:

    उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और झारखंड के इस अनुपात में एक समानता दिखती है। औसत प्रदर्शन वाले इन राज्यों में ये आंकड़ा 7 से 10 के बीच है। 19.9 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। पिछले 24 घंटे में यहां आए केस 1986 रहे। इस लिहाज से प्रति दस लाख पर 24 घंटे में नए केस का अनुपात 9.97 यानी करीब 10 व्यक्तियों का बैठता है। मध्य प्रदेश के लिए यह आंकड़ा 9.39, पंजाब के लिए 9.45, छत्तीसगढ़ के लिए 9.52 और झारखंड के लिए 7.05 बैठता है।

    संक्रमण का असमान वितरण: मामले को समझाने के लिए चंडीगढ़ का है उदाहरण

    जब हम किसी राज्य के कोरोना के संक्रमण से जुड़े आंकड़े पढ़ते-देखते हैं तो जेहन में तुरंत एक बात आती है कि स्थिति सब जगह बहुत खराब है। दरअसल ऐसा नहीं होता। सभी राज्यों में कोरोना संक्रमण का वितरण असमान है। कुछ चुनिंदा पॉकेट्स या जगहों पर ही इसका प्रकोप है। और वहां स्वास्थ्य विभाग मजबूती के साथ डटा हुआ है। हमें घबराने की जरूरत नहीं है। बस खुद सजग और सतर्क रहें और सारे एहतियाती कदमों का पालन करें। चंडीगढ़ को एक उदाहरण के रूप में देखिए। यहां 24 घंटे में आने वाले नए केसों की संख्या प्रति दस लाख आबादी पर 31 है। इसे देखकर लगता है कि ये पूरे केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति है। व्यावहारिक रूप से तस्वीर अलहदा है। यहां अभी तक दर्ज कोरोना मामलों में आधे यानी 300 कोरोना पॉजिटिव केस अकेले सेक्टर 26 स्थित बापू धाम कॉलोनी से आए हैं और बाकी 50 से 60 कोरोना पॉजिटिव केस विदेश में रहने वाले लोग जो हाल ही में वापस शहर लौटे हैं। इनके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से संक्रमण फैलने के कारण लोग कोरोना का शिकार हुए हैं।

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