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    दिल्ली गैंगरेप: नाबालिग की नहीं हुई पेशी, फैसला टला

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    Updated: Wed, 16 Jan 2013 08:42 AM (IST)

    वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी की उम्र पर मंगलवार को भी फैसला नहीं हो सका। उसकी सही उम्र की जांच के लिए मंगलवार को दिल्ली गेट के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने बदायूं के वर्तमान व पूर्व प्रधानाचार्य को पेश किया गया। बोर्ड ने दोनों के बयान दर्ज कर लिये, लेकिन नाबालिग की पेशी न होने

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली । वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी की उम्र पर मंगलवार को भी फैसला नहीं हो सका। उसकी सही उम्र की जांच के लिए मंगलवार को दिल्ली गेट के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने बदायूं के वर्तमान व पूर्व प्रधानाचार्य को पेश किया गया। बोर्ड ने दोनों के बयान दर्ज कर लिये, लेकिन नाबालिग की पेशी न होने से कोई फैसला नहीं सुनाया। बोर्ड ने सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी तय की है। नाबालिग की तबीयत ठीक न होने से बोर्ड के सामने उसकी पेशी नहीं हो सकी। वह एलएनजेपी में भर्ती है। जांच से जुडे़ दिल्ली पुलिस के अधिकारी की मानें तो 28 जनवरी को बोर्ड इस पर फैसला सुना सकता है। नाबालिग की उम्र पर फैसला न हो पाने से पुलिस ने भी जांच रिपोर्ट नहीं पेश की। पुलिस सूत्रों की मानें तो अगर नाबालिग को मंगलवार को बोर्ड के सामने पेश कर दिया जाता तो फैसला सुना दिया जाता।

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    नाबालिग बदायूं के अपने पैतृक गांव के जिस स्कूल में पढ़ता था। वर्तमान में वहां तैनात प्रधानाचार्य से सबसे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पूछताछ की थी और जन्म तिथि से संबंधित सर्टिफिकेट की जांच की गई। इसके बाद 15 जनवरी को पूर्व प्रधानाचार्य को भी पेश करने को कहा गया था। उनके समय नाबालिग ने स्कूल में दाखिला लिया था। लेकिन मंगलवार को दोनों ही प्रधानाचार्य बोर्ड के समक्ष पेश हुए और बयान दर्ज कराया।

    स्कूल के अभिलेखा विभाग के रिकार्ड की भी जांच की गई। गौरतलब है कि नाबालिग की उम्र सर्टिफिकेट के हिसाब से सत्रह साल आठ महीने बताई गई है। अगर वर्तमान व पूर्व प्रधानाचार्यो के बयान से बोर्ड संतुष्ट हो जाता है और स्कूल के रिकार्ड में छेड़छाड़ नहीं मिलता, तो अगली तारीख में बोर्ड अंतिम फैसला सुना सकता है। माना जा रहा है कि हड्डी की जांच से नाबालिग को बालिग नहीं ठहराया जा सकता है।

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