दिल्ली गैंगरेप: युवती के परिजनों के सुप्रीम कोर्ट जाने से नाबालिग बेचैन
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। मजनूं का टीला स्थित स्पेशल होम के सूत्रों ने बताया कि जब से नाबालिग ने टीवी पर यह खबर देखी है कि फिजियोथेरिपिस्ट युवती के ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। मजनूं का टीला स्थित स्पेशल होम के सूत्रों ने बताया कि जब से नाबालिग ने टीवी पर यह खबर देखी है कि फिजियोथेरिपिस्ट युवती के परिजनों ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वह बेचैन रहने लगा है। अधिकांश समय उसकी निगाहें टीवी स्क्रीन पर लगी रहती हैं। नाबालिग ज्यादातर न्यूज चैनल ही देखता रहता है।
यदि किसी न्यूज चैनल पर वसंत विहार गैंगरेप के संबंध में कोई खबर चलती है, तो उसके चेहरे का रंग उड़ जाता है। नाबालिग किसी से ज्यादा बात नहीं करता है और दिन भर अपने कमरे में ही रहता है। सुबह और शाम के समय उसके कमरे में अध्यापक पढ़ाने जाते हैं। यही नहीं वह सिलाई का काम भी सीखता है। नाबालिग के कहने पर ही उसके कमरे में सिलाई मशीन रखवाई गई है। सिलाई सिखाने के लिए विशेष तौर पर एक अध्यापक की भी नियुक्ति की गई है।
इसके अलावा एक मनोचिकित्सक भी प्रत्येक तीन दिन के बाद आकर उसकी काउंसलिंग करता है। सूत्रों की मानें तो नाबालिग जुवेनाइल होम के अधिकारियों के सामने पढ़-लिखकर अच्छा आदमी बनने की ख्वाहिश जता चुका है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर को वसंत विहार में चलती बस में फिजियोथेरिपिस्ट युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था। मामले में पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ 21 दिसंबर, 2012 को नाबालिग को भी गिरफ्तार किया था। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने लंबी बहस के बाद 28 जनवरी को उसे नाबालिग करार दिया था।
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कैसे क्या हुआ
16 दिसंबर 2012-वसंत विहार में रात साढ़े 9 बजे चार्टर्ड बस में एक युवती से गैंगरेप व उसके दोस्त की पिटाई। रात को ही युवती को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
17 दिसंबर 2012- पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज किया।
18 दिसंबर 2012-पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी राम सिंह को गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश किया और उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया।
19 दिसंबर 2012- पुलिस ने गैंगरेप के तीन आरोपियों विनय, पवन और मुकेश को गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश किया।
21 दिसंबर 2012- आनंद विहार बस अड्डे के पास से नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने अक्षय और नाबालिग आरोपी को कोर्ट में पेश किया।
15 जनवरी 2013- नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस के समक्ष पेश किया गया।
28 जनवरी- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने वसंत विहार गैंगरेप के नाबालिग आरोपी को लंबी बहस और स्कूल से मिले दस्तावेजों के आधार पर नाबालिग करार दिया।
19 जुलाई- वसंत विहार में गैंगरेप से पहले कारपेंटर से लूट के एक अन्य मामले में नाबालिग को दोषी करार दिया गया। इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के द्वारा 25 जुलाई को सजा सुनाए जाने की बात कही गई।
25 जुलाई- सुप्रीम कोर्ट में अपराध में शामिल नाबालिगों की उम्र को लेकर दायर सुब्रम्हण्यम स्वामी की याचिका के कारण जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ फैसला टाल दिया। 5 अगस्त को फैसला सुनाए जाने का आदेश दिया।
5 अगस्त- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 19 अगस्त तक के लिए फैसला टाला।
19 अगस्त- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 31 अगस्त को नाबालिग आरोपी को तीन साल की सजा सुनाई।
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