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    ...कुछ यूं शुरू हुई थी अरविंद केजरीवाल की 'प्रेम कहानी'

    दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे अरविंद केजरीवाल के सड़क से सियासत तक के संघर्ष में पत्नी सुनीता केजरीवाल ने उनका खूब साथ दिया। इसीलिए मंगलवार को जब पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला, पार्टी दफ्तर में बैठे केजरीवाल ने हजारों समर्थकों के सामने जीत के लिए सुनीता का

    By T empEdited By: Updated: Fri, 13 Feb 2015 12:11 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे अरविंद केजरीवाल के सड़क से सियासत तक के संघर्ष में पत्नी सुनीता केजरीवाल ने उनका खूब साथ दिया। इसीलिए मंगलवार को जब पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला, पार्टी दफ्तर में बैठे केजरीवाल ने हजारों समर्थकों के सामने जीत के लिए सुनीता का शुक्रिया भी अदा किया। केजरीवाल ने ट्वीट भी किया और अपनी और सुनीता की तस्वीर भी पोस्ट की।

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    14 फरवरी को वेलेंटाइन डे है और इसी दिन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। सुनीता दिल्ली में आयकर विभाग में एडिशनल कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं।

    अरविंद की इमानदारी पर फिदा हुई थीं सुनीता

    भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) की परीक्षा पास करने के बाद अरविंद और सुनीता नागपुर स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में पहली बार मिले। यहां पर आइआरएस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। बचपन से स्पष्टवादी और साफ दिल अरविंद के साहस और निष्पक्षता ने सुनीता को प्रभावित किया। सुनीता को तो मानो सपनों का राजकुमार मिल गया, क्योकि सुनीता का सपना था कि उनका होने वाला पति इमानदार होने के साथ ही देश सेवा को प्राथमिकता देने वाला हो।

    इजहार करने में लगा लंबा वक्त

    अरविंद और सुनीता को अपने मन की बात जुबां पर लाने में समय लगा। हालांकि, इस दौरान दोनों अपनी आंखों से एक-दूसरे की भावनाएं समझ रहे थे। सुनीता परिवार संग दिल्ली में ही रहती थी और केजरीवाल हरियाणा के हिसार से आए थे। दोनों एक ही जाति से थे और राजस्व सेवा में चयनित हो चुके थे इसलिए दोनों के परिवार वालों ने आसानी से इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। अगस्त, 1994 में दोनों की सगाई हो गई। नवंबर में प्रशिक्षण के दौरान दोनों विवाह बंधन में बंध गए। 1995 में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दोनों दिल्ली आ गए और यहीं बस गए। शादी के एक साल बाद हर्षिता के रूप में बेटी का जन्म हुआ। 2001 में उनके घर में बेटे का जन्म हुआ, इसका नाम उन्होंने पुलकित रखा।

    देश सेवा के लिए नौकरी छोड़ी

    केजरीवाल ने जब आइआरएस की नौकरी छोड़ देशसेवा के लिए कुछ करने की इच्छा जताई तो सुनीता ने हामी भरने में तनिक भी देर नहीं लगाई। दोनों के बीच की समझ ही है कि पैसों की चिंता छोड़कर केजरीवाल अपने काम में पूरी तरह जुटे हुए हैं। शादी से पहले प्रशिक्षण के दिनों की तरह ही आज भी केजरीवाल दंपती आपसी समझ और समर्पण से एक-दूसरे का बखूबी साथ निभा रहे हैं।

    चुनाव के दौरान रहना पड़ा सतर्क

    डायबिटीज से पीड़ित केजरीवाल के लिए सुनीता को चुनावी मौसम में केजरीवाल के खाने के लिए बेहद सतर्क रहना पड़ा। सुनीता दफ्तर जाने से पहले हर दिन खाना तैयार करती थीं। वह पति के सहयोगियों को इस बात को लेकर भी सतर्क कर देती थीं कि उन्हें खाने के बाद उन्हें गर्म पानी ही पीना है। खास बात यह है कि इसे याद रखने के लिए वह टिफिन के साथ एक नोट लगा देती थीं। केजरीवाल की खांसी को लेकर चिंतित सुनीता यह सुनिश्चित करना चाहती थीं कि उनके पति गर्म पानी ही लें।

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