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    प्रोफेसर गिलानी पर देशद्रोह का मामला दर्ज, दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे गए

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 16 Feb 2016 10:07 PM (IST)

    संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर प्रेस क्लब में कार्यक्रम आयोजित करने व देशविरोधी नारे लगाने पर तिलकमार्ग थाना पुलिस ने गिलानी को नामजद करते हुए देशद्रोह, अपराधिक साजिश रचने, गलत मंशा से एकत्र होने की धाराओं में मामला दर्ज किया था।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली । डीयू के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर प्रेस क्लब में कार्यक्रम आयोजित करने व देशविरोधी नारे लगाने पर तिलकमार्ग थाना पुलिस ने गिलानी को नामजद करते हुए देशद्रोह, अपराधिक साजिश रचने, गलत मंशा से एकत्र होने की धाराओं में मामला दर्ज किया था। सुबूत जुटाने के बाद पुलिस ने उन्हें सोमवार देर रात पूछताछ के लिए संसद मार्ग थाने बुलाया और गिरफ्तार कर लिया।

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    गिलानी को मंगलवार दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। संसद मार्ग थाने में नई दिल्ली जिला पुलिस के अलावा स्पेशल व आइबी उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि 10 फरवरी की शाम गिलानी के कार्यक्रम में शरीक होने आए कश्मीरी युवक कौन थे। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी का कहना है कि सुबूत मिलने पर अन्य की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

    सूत्रों के मुताबिक गिलानी ने डीयू के जिस प्रोफेसर अली जावेद की सदस्यता पर प्रेस क्लब में हाल की बुकिंग कराई थी, पुलिस उन्हें सरकारी गवाह बनाना चाह रही है। दो दिनों तक गिलानी के अलावा डीयू के दो अन्य प्रोफेसर निर्मलांशु मुखर्जी व विजय सिंह से पूछताछ की गई। उनसे गिलानी के खिलाफ सुबूत मिलने पर ही उन्हें गिरफ्तार किया गया।

    मूलरूप से जम्मू-कश्मीर निवासी गिलानी वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले में भी आरोपी रहे हैं। सुबूत के अभाव में वर्ष 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। यहां वह जामिया के बटला हाउस में रहते हैं और मध्य जिले में जाकिर हुसैन कॉलेज में प्रोफेसर थे। पहले भी पुलिस पोटा के तहत उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।

    गौरतलब है कि अफजल गुरू की याद में 10 फरवरी को गिलानी ने अपने करीबी प्रो. अली जावेद की सदस्यता पर प्रेस क्लब में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के लिए कार्यक्रम रखा था। हाल शाम तीन बजे से 6 बजे तक के लिए बुक कराया गया था। इसमें गिलानी सहित करीब 50 लोग मौजूद थे। करीब 5.30 बजे वहां मौजूद लोगों ने अफजल गुरू को शहीद बताकर भारत के विरोध में नारे लगाने शुरू कर दिए। पत्रकारों और प्रेस क्लब के लोगों ने इसका विरोध किया। प्रेस क्लब ने हाल की बुकिंग समाप्त कर प्रो जावेद की सदस्यता रद कर दी। तिलक मार्ग थाना पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गिलानी को नामजद करते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि प्रेस क्लब के समारोह में नारे लगा रहे लोगों की पहचान के लिए उसे गिलानी की कस्टडी चाहिए। प्रेस क्लब में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिल गई है, गिलानी की कस्टडी केवल फुटेज में दिख रहे लोगों की पहचान के लिए चाहिए।

    जेएनयू मामले में एनआइए जांच की अर्जी खारिज

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जेएनयू में देशविरोधी नारे लगने के मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपे जाने से संबंधित याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है, इस तरह की याचिक की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है।

    न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि घटना नौ फरवरी को हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। रंजना अग्निहोत्री ने याचिका में कहा था कि जेएनयू कैंपस में देशविरोधी नारे लगाए गए हैं। यह बेहद गंभीर मामला है। ऐसे मामले की जांच एनआइए को सौंप देना चाहिए। मामले की न्यायिक जांच भी हो।

    न्यायमूर्ति ने कहा कि पुलिस व सरकार को पहले जरूरत के मुताबिक कार्रवाई करने दी जाए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह छात्रों की गलती से हुआ या फिर इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र था।

    पढ़ें: भारत विरोधी कार्यक्रम मामले में डीयू प्रोफेसर गिलानी गिरफ्तार, अदालत में होगी पेशी

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