'मुख्य सचिव मामले में जंग ने अपने अधिकार क्षेत्र को लांघा'
उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुख्य सचिव नियुक्ति मामले में अपने अधिकार से बाहर जाकर फैसला लिया है। यह कहना है इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के राय मांगने पर वकील राजीव धवन का। गैमलीन और वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे
नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुख्य सचिव नियुक्ति मामले में अपने अधिकार से बाहर जाकर फैसला लिया है। यह कहना है इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के राय मांगने पर वकील राजीव धवन का।
गैमलीन और वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर वकील राजीव धवन से कानूनी राय मांगी थी। वकील धवन ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी पसंद का मुख्य सचिव चुनने का अधिकार है। इस मामले में उपराज्यपाल ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। उन्होंने यह फैसला दिल्ली सरकार पर थोपा है।
उधर, दिल्ली के मुख्य सचिव नियुक्ति मामले में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे, उनसे समय मांगेगे और दिल्ली सरकार के बारे में जानकारी देंगे।
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि 13 मई को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में गैमलीन और परिमल राय के बीच से किसी एक को चुनने का प्रस्ताव रखा था... अब ड्रामा क्यों?
उधर, सुब्रमण्यन स्वामी ने भी आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को यह अहसास हो गया है कि वह अपने वादे पूरे नहीं कर सकते। अब तक वाइ-फाइ का एक सामान्य सा वादा वह दिल्ली में पूरा नहीं कर सके हैं। दरअसल वे नक्सली हैं और उनकी दिलचस्पी सरकार चलाने में नहीं है।