अनिवार्य हो पीएम, सीएम पदों के उम्मीदवार घोषित करना
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की किरण बेदी और आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल के बीच टक्कर में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। उमर ने न सिर्फ चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पदों के उम्मीदवारों की
जम्मू [जागरण ब्यूरो] । दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की किरण बेदी और आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल के बीच टक्कर में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। उमर ने न सिर्फ चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पदों के उम्मीदवारों की घोषणा करने को अनिवार्य बनाने पर जोर दिया बल्कि ऐसे पदों के दावेदारों के बीच एक-दो बार बहस की जरूरत भी बताई। उन्होंने किरण बेदी से आग्रह किया है कि वह उन्हें ट्विटर पर अनब्लॉक कर दें। बेदी उमर को इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर ब्लॉक कर चुकी हैं।
उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा कि लोगों को अधिकार होना चाहिए कि वह अपने प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को चुन सकें। नहीं तो उन्हें हैरानी हो सकती है कि वोट किसके लिए दिया और बाद में पार्टी नेतृत्व किसी ओर को सामने ले आया। यही सही लोकतंत्र है। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि ऐसे पदों के उम्मीदवार घोषित न किए जाने की स्थिति में लोगों को क्या पता होगा कि वह किसके लिए वोट डाल रहे हैं। यह तो ऐसा होगा कि वोट मेरे लिया और बाद में सामने कोई ओर आ गया।
केजरीवाल की बहस की पेशकश को किरण बेदी द्वारा स्वीकार करने की सराहना करने वाले उमर ने याद दिलाया कि एक न्यूज चैनल ने पीडीपी के नेतृत्व को भी बहस के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने इससे इन्कार कर दिया था।
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