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    खतरनाक हो रहा है हुदहुद, तबाही मचाने के बाद अंडमान किया पार

    By vivek pandeyEdited By:
    Updated: Fri, 10 Oct 2014 11:35 AM (IST)

    उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्र में बना भारी दबाव का क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) अब एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है। हुदहुद नामक यह तूफान पश ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्र में बना भारी दबाव का क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) अब एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है। हुदहुद नामक यह तूफान पश्चिम-उत्तर, पश्चिम की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल यह विनाशकारी तूफान अंडमान-निकोबार पार कर चुका है। पार करने से पहले इस तूफान ने वहां काफी तबाही मचाई। हवाएं इतनी तेज थी कि पेड़ उखड़ गए और सड़कें कई जगहों से टूट गई। इसके साथ ही बिजली और फोन की व्यवस्था भी ठप हो गई। सरकारी तंत्र राहत कार्य में लगा हुआ है।

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    अगले 12 घंटों के भीतर इसके प्रचंड रूप अख्तियार कर लेने और 24 घंटे के भीतर अति प्रचंड चक्रवाती तूफान बन जाने का अनुमान है। विशाखापत्तानम और गोपालपुर के बीच में इस तूफान के आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय इलाके और दक्षिणी ओडिशा तट पर 12 अक्टूबर की दोपहर तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।

    अनुमान है कि 1999 में आए फेलीन तूफान की तरह ही यह तबाही मचा सकता है। फेलीन में 10 हजार लोग हताहत हुए थे। इसके साथ ही हुदहुद की वजह से भारतीय तटीय इलाके में रहने वाली करीब एक करोड़ की आबादी पर असर हो सकता है।

    खतरनाक होता जा रहा है स्वरूप

    पिछले आठ अक्टूबर से ही तूफान का रूप भयावह होता जा रहा है। 8 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे इसकी रफ्तार 85 किलोमीटर प्रतिघंटा थी जो कि उसी दिन रात को करीब साढ़े 11 बजे 100 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंच गई। 9 अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े पांच बजे तूफान की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच गई। 9 अक्टूबर को ही शाम करीब साढ़े पांच बजे चक्रवाती तूफान हुदहुद की रफ्तार 120 किलोमीटर तक पहुंच गई जो की प्रचंड श्रेणी में थी।

    आशंका जताई जा रही है कि 10 अक्टूबर को सुबह साढ़े पांच बजे इसकी रफ्तार 135 किलोमीटर प्रतिघंटे होगी जो कि शाम को अति प्रचंड होकर 145 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी। 12 अक्टूबर को इसके 155 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंचने की आशंका है।

    ऐसे पड़ेगा तूफान का खौफनाक असर:-

    भारी बारिश

    अगले 24 घंटों तक अधिकांश प्रभावित स्थानों पर बारिश हो सकती है। इसकी तीव्रता भारी से लेकर अत्यधिक भारी तक हो सकती है। अर्थात बारिश का आंकड़ा इंच से मीटर तक पहुंच सकता है।

    तूफान

    अगले 24 घंटों तक भीषण तेज हवाएं चल सकती हैं इसके साथ ही समुद्र के अंदर और आसपास अत्यधिक उथल-पुथल रह सकती है।

    आबादी को नुकसान

    झोपड़ियों को क्षति पहुंच सकती है। पेड़ गिरने से बिजली और संचार लाइनें ध्वस्त हो सकती हैं।

    उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तट पर खतरा

    11 अक्टूबर की शाम से दक्षिणी ओडिशा के तट पर भारी बारिश से लेकर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है। विशाखापत्तनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम जैसे आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिलों की भी यही स्थिति रह सकती है। इसी सुबह से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर 70 किमी प्रति घंटे की तेजी वाला तूफान कहर मचा सकता है। इस तूफान की रफ्तार बढ़ती जाएगी और 12 अक्टूबर की सुबह इसकी तेजी 150 किमी प्रति घंटे को भी छू सकती है। सुबह से ही समुद्र की हलचल बढ़ती जाएगी जो 12 अक्टूबर को अपने चरम पर होगी।