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    सरकार को घेरेगा एकजुट हुआ संघ

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    Updated: Sun, 08 Sep 2013 10:45 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में एकजुट हुआ संघ परिवार सभी मोर्चो पर मनमोहन सिंह सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है। भाजपा और संघ के सभी स ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में एकजुट हुआ संघ परिवार सभी मोर्चो पर मनमोहन सिंह सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है। भाजपा और संघ के सभी सहयोगी संगठनों की बैठक में संप्रग सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ समाज के सभी वर्गो को जागरूक करने का फैसला किया गया। बैठक में कुछ सहयोगी संगठनों ने नरेंद्र मोदी को जल्द प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने की मांग भी की।

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    रविवार को पहले दिन बैठक में पांच सत्र में चर्चा हुई। इसमें देश के आर्थिक व आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों के साथ ही सांप्रदायिक हिंसा और भाजपा व संघ पर मढ़े जाने वाले इनके आरोपों से बचने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। रविवार की बैठक में मोदी भी मौजूद रहे। सोमवार को चार सत्र में राजनीतिक मसलों पर चर्चा की जाएगी।

    बैठक में भाग लेने वाले नेताओं का कहना था कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी संप्रग सरकार आर्थिक और आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। यही नहीं, उसकी नीतियों के कारण समाज के सभी तबकों की मुश्किलें बढ़ी हैं। आम लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। यह काम अकेले भाजपा नहीं कर सकती है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गो के बीच दशकों से काम करने वाले संघ के आनुषंगिक संगठन यह काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

    रविवार को शुरू हुई दो दिवसीय बैठक में संसद से पारित खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण जैसे संप्रग के लोकलुभावन कानूनों के बारे में भी चर्चा हुई। भाजपा नेताओं ने सहयोगियों को समझाने की कोशिश करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने संशोधनों से इन कानूनों को किसान और आम जनता के हित में बेहतर बनाने का काम किया है। भाजपा नेताओं का कहना था कि आनुषंगिक संगठन इन लोकप्रिय कानूनों का चुनावी लाभ अकेले कांग्रेस को न लेने देने की पूरी कोशिश करें।

    बैठक के दौरान आंतरिक सुरक्षा के मसलों में चीन व पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार मिल रही चुनौती और देश के भीतर नक्सलवाद की समस्या पर चर्चा हुई। इसके अलावा महंगाई व महिला सशक्तिकरण के मुद्दों को मतदाताओं के बीच ले जाने की बात भी हुई। वैसे बैठक का एजेंडा पूरी तरह से संप्रग सरकार की आर्थिक और आंतरिक सुरक्षा नीतियों तक सीमित था, लेकिन आनुषंगिक संगठनों के कुछ नेताओं ने मोदी को जल्द प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की। गौरतलब है कि शनिवार को संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक में पितृपक्ष के पहले मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित करने का फैसला हो चुका है। सोमवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

    पहले सत्र में नहीं पहुंचे आडवाणी

    बैठक के शुरुआती सत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की गैरमौजूदगी चर्चा के केंद्र में रही। लोकसभा चुनाव की रणनीति के नजरिये से अहम बैठक में आने के बजाय आडवाणी एक किताब के विमोचन में चले गए, जबकि भाजपा नेताओं के साथ आनुषंगिक संगठनों की बैठक काफी पहले से तय थी। हालांकि, दोपहर बाद आडवाणी बैठक में पहुंच गए। गौरतलब है कि मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष चुने जाते समय भी आडवाणी ने पार्टी की गोवा कार्यकारिणी से दूरी बना ली थी। आडवाणी के अलावा भाजपा संसदीय बोर्ड के सभी सदस्य बैठक में शुरू से मौजूद थे।

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