Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिंदगी की परवाह किए बिना खतरों से खेलने का शौक रखते थे शहीद प्रमोद कुमार

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Tue, 16 Aug 2016 08:47 AM (IST)

    प्रमोद कुमार अपने कार्य के प्रति समर्पित अधिकारी थे। 2014 और 2015 में उन्हें कार्यकुशलता के लिए सीआरपीएफ की ओर से सम्मानित किया गया था।

    Hero Image

    नई दिल्ली। "देश मेरी मां है। देश की सुरक्षा के लिए मैं किसी भी मंजर से गुजर जाऊंगा और तुम देखना मुझे एक दिन शौर्य चक्र मिलेगा।" ये बातें शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार हमेशा अपनी पत्नी नेहा त्रिपाठी से किया करते थे जब नेहा प्रमोद से उनकी ड्यूटी और देश की सुरक्षा पर चर्चा करती थीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वतंत्रता दिवस पर 43 साल के सीआरपीएफ कमांडेंट श्रीनगर के नौहट्टा में आतंकियों को धूल चटाते हुए शहीद हो गए। आतंकियों से लंबी लड़ाई में वे संघर्ष करते रहे और उनकी गोली का शिकार हुए दो आतंकी मारे भी गए। प्रमोद कुमार की गर्दन के ऊपरी हिस्से में गोली लगी थी। उन्हें बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

    तस्वीरें: शहीद कमांडेंट की अंतिम यात्रा में उमड़े लोग, परिजन हुए गमगीन

    नेहा जब कभी भी अपने शहीद पति प्रमोद कुमार से बात करती थीं.. तब प्रमोद कहते कि वे कुछ अलग करना चाहते हैं। वे हमेशा जम्मू-कश्मीर और असम जैसी हिंसा वाली जगहों पर समस्याओं से जूझ रहे सेना के जवानों के बारे में व्याकुल रहते थे। शहीद प्रमोद की पत्नी नेहा एक इंजीनियर हैं। दोनों आठ साल पहले शादी के बंधन में बंधे थे।

    Photos: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रमोद कुमार, बेटी ने दी मुखाग्नि

    बताते चलें कि बीती 12 जुलाई को ही शहीद प्रमोद कुमार को प्रमोट कर कमांडेंट बनाया गया था। बीते रविवार को प्रमोद कुमार ने अपनी पत्नी नेहा से बात की थी। किसी को नहीं पता था कि ये नेहा और प्रमोद की आखिरी बातचीत होगी।

    नेहा ने बताया कि रविवार को हुई बातचीत में प्रमोद ने कहा था कि उन्होंने बेटी आरना के डांस का वीडियो देखा था। 6 साल की आरना डांस सीख रही है। शोकाकुल नेहा ने कहा ''अब प्रमोद बेटी का डांस कैसे देखेंगे? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.. मैं प्रमोद के बिना क्या करूंगी।''

    प्रमोद कुमार अपने कार्य के प्रति समर्पित अधिकारी थे। 2014 और 2015 में उन्हें कार्यकुशलता के लिए सीआरपीएफ की ओर से सम्मानित किया गया था। सेना को जब भी जरूरत होती थी तब प्रमोद कुमार को याद किया जाता था। प्रमोद कुमार अपने 18 साल के कार्यकाल में श्रीनगर, त्रिपुरा, जम्मू, बिहार, झारखंड और आंध्रप्रदेश में कार्य कर चुके थे। प्रमोद कुमार अपनी हर पोस्टिंग पर कामयाब अधिकारी साबित हुए। वरिष्ठ अधिकारी उनकी कार्यकुशलता की तारीफ करते बिल्कुल नहीं थकते।

    गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ''जब श्रीनगर में आतंकवादियों ने हमला किया तब सीआरपीएफ के कमांडिंग अधिकारी प्रमोद कुमार बहादुरी से लड़े। उनकी मौत से दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना पेश करता हूं।''

    कश्मीर की समस्या के लिए केंद्र की नीतियां जिम्मेदार : महबूबा मुफ्ती

    कश्मीर में उकसावे के बावजूद सेना ने बरता है संयम: मनोहर पर्रिकर