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    स्मृति की योग्यता पर बढ़ा विवाद

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    Updated: Thu, 29 May 2014 06:06 AM (IST)

    मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईरानी के चुनावी हलफनामे में शिक्षा को लेकर गलत बयानी की गई है। जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में सवाल उठा दिए हैं। हालांकि, स्मृति ईरानी ने इस पूरे विवाद पर चुप्पी साध रखी है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईरानी के चुनावी हलफनामे में शिक्षा को लेकर गलत बयानी की गई है। जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में सवाल उठा दिए हैं। हालांकि, स्मृति ईरानी ने इस पूरे विवाद पर चुप्पी साध रखी है।

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    कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को स्मृति ईरानी के मामले में कहा, 'हम उन पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर रहे, लेकिन चुनाव के दौरान भरे गए उनके शपथपत्र में शिक्षा को लेकर गलत जानकारी दी गई है। हमें नहीं पता कि कौन-सी बात सही है, 2004 में दिए हलफनामे की जानकारी या 2014 की। कम से कम एकसाथ दोनों सही नहीं हो सकतीं।' स्मृति ईरानी ने 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरते समय भरे हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की परीक्षा पास की है, लेकिन लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान दिए शपथपत्र में बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक पाठ्यक्रम का सिर्फ पहला वर्ष ही किया है, वह भी वाणिज्य विषय में। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 को दिए आदेश में कहा था कि हलफनामे में दी गई गलत जानकारी के आधार पर प्रत्याशी का नामांकन रद किया जा सकता है। एक दिन पहले कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा था, 'मोदी का यह कैसा मंत्रिमंडल है? एचआरडी मंत्री ईरानी स्नातक भी नहीं हैं। चुनाव आयोग में दाखिल उनका हलफनामा देखिए।' बुधवार को ही जल संसाधन मंत्री के तौर पर काम संभालने वाली उमा भारती ने यह विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस नेताओं पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी तो संप्रग सरकार की प्रमुख थीं। सरकार को सारे निर्देश देती थीं। मैं उनके सर्टिफिकेट देखना चाहती हूं। वह कितनी पढ़ी-लिखी हैं। कांग्रेस वाले पहले उनके सर्टिफिकेट दिखाएं, तब जाकर स्मृति की योग्यता पर सवाल उठाएं।' भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं के अहंकार के कारण मुंह की खानी पड़ी, फिर भी वे इसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जदयू नेता शरद यादव ने स्मृति का बचाव करते हुए मामले को तूल देने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। हालांकि, सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में सिंघवी ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह संप्रग सरकार में कोई मंत्री नहीं थीं।

    माकन से सहमत नहीं मनीष

    नई दिल्ली। अजय माकन की ओर से स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने यह कह कर एतराज जताया है कि शिक्षा, साक्षरता और बुद्धिमत्ता में अंतर होता है। हमें अहम मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहिए, सतही बातों पर नहीं। उन्होंने इस तरह के व्यक्तिगत हमलों को अनावश्यक भी बताया। उमर अब्दुल्ला ने भी यह कहकर कांग्रेस के रवैये को गलत ठहराया कि इस हिसाब से तो खनन मंत्री को खनिक होना चाहिए और उड्डयन मंत्री को प्लेन उड़ाना आना चाहिए।

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    ''एक तरफ 8-8 बार चुनकर आए लोग बाहर बैठे हैं और दूसरी तरफ हारी हुई और 12वीं पास स्मृति पर देश की शिक्षा व्यवस्था संभालने का जिम्मा डाल दिया गया।'' -मधु किश्वर

    ''मोदी को मंत्रालय देने से पहले स्मृति ईरानी का बायोडेटा चेक कर लेना चाहिए था। उन्हें अपनी छोटी बहन के बारे में अपना फैसला बदल लेना चाहिए।'' -संजय निरूपम

    ''माकन जी पढ़ाई का इस्तेमाल देश बनाने में होना चाहिए न कि घोटाले और देश को शर्मसार करने में। यह संदेश अपने पढ़े लिखे कांग्रेसियों तक पहुंचा दीजिए।'' -गिरिराज सिंह

    ''जिन लोगों ने घोटालों में ग्रेजुएशन की डिग्री ली हो उन्हें दूसरों की शिक्षा पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।'' -संबित पात्रा

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