केजरीवाल को कांग्रेस शहीद नहीं बनने देगी
बिना केंद्र सरकार से मंजूरी लिए दिल्ली के लिए लोकायुक्त कानून पारित करने को लेकर तनातनी कितनी भी बढ़ती दिख रही हो, लेकिन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार इतनी आसानी से नहीं गिरेगी। कांग्रेस मान रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले टकराव बढ़ाकर सरकार गिराने के बाद केजरीवाल खुद को शहीद के रू
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिना केंद्र सरकार से मंजूरी लिए दिल्ली के लिए लोकायुक्त कानून पारित करने को लेकर तनातनी कितनी भी बढ़ती दिख रही हो, लेकिन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार इतनी आसानी से नहीं गिरेगी। कांग्रेस मान रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले टकराव बढ़ाकर सरकार गिराने के बाद केजरीवाल खुद को शहीद के रूप में पेश करेंगे। केंद्र सरकार के उच्चतम सूत्रों ने साफ कर दिया कि केजरीवाल को दिल्ली से भागने का मौका इतनी आसानी से नहीं दिया जाएगा। इसी के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रलय से नए सिरे से राय मांगी है।
उधर, केजरीवाल ने तय कर लिया है कि वह स्वराज और दिल्ली जन लोकपाल बिल शुक्रवार को विधानसभा में पेश करेंगे। अगर इसका रास्ता रोका गया तो वह अपना इस्तीफा सौंप कर विधानसभा बर्खास्त करने की सिफारिश कर देंगे। शुक्रवार को उनकी सरकार के दोनों प्रमुख बिल विधानसभा में पेश किए जाने हैं। शनिवार को स्वराज बिल पर चर्चा होगी और रविवार को लोकपाल बिल की बारी होगी। यानी अब सरकार की पहली परीक्षा शुक्त्रवार को होगी और दूसरी रविवार को। सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल इस मामले पर अपने रुख से हटने को तनिक भी तैयार नहीं। उन्हें चुनाव के लिहाज से भी यह फैसला सही लग रहा है। केंद्र सरकार के शीर्ष सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल सरकार को अभी लोकसभा चुनाव से पहले गिराने में पार्टी को कोई फायदा नहीं दिख रहा। इसलिए बिल को पेश करने और पास करने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि इसके बाद जब वह राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा तो इसे नामंजूर कर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि दिल्ली सरकार के कार्य संचालन संबंधी नियमों का तो यह उल्लंघन है ही, इसके अलावा केजरीवाल का लोकपाल बिल दूसरे प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है। यह केंद्र के कई अधिकारों में दखल भी देता है।
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