चौतरफा घिरे कानून मंत्री भारती, कांग्रेस के कड़े तेवर
नई दिल्ली। सूबे की अरविंद केजरीवाल सरकार अपने कानून मंत्री सोमनाथ भारती के मुद्दे पर चारों ओर से घिरती नजर आ रही है। खासकर, युगांडा की महिलाओं द्वारा उनकी पहचान किए जाने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उनके मुद्दे पर सियासत भी गरमाई हुई है।
नई दिल्ली। सूबे की अरविंद केजरीवाल सरकार अपने कानून मंत्री सोमनाथ भारती के मुद्दे पर चारों ओर से घिरती नजर आ रही है। खासकर, युगांडा की महिलाओं द्वारा उनकी पहचान किए जाने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उनके मुद्दे पर सियासत भी गरमाई हुई है।
केजरीवाल सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस ने भारती के मामले पर अपने तेवर बेहद सख्त कर लिए हैं। पार्टी ने भारती की तुरंत गिरफ्तारी और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस द्वारा इस मामले में कार्रवाई करने में देरी को लेकर बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करेगा।
लवली ने कहा कि यदि कोई आम आदमी होता तो पुलिस ने उसे अब तक गिरफ्तार कर लिया होता। लेकिन चूंकि मामला कानून मंत्री से जुड़ा हुआ है शायद इसीलिए उनके खिलाफ कार्रवाई में कोताही बरती जा रही है। लिहाजा कांग्रेस उपराज्यपाल से मिलकर पुलिस द्वारा इस मामले में बरती जा रही शिथिलता को लेकर अपना विरोध दर्ज कराएगी। हालांकि उन्होंने साफ किया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार से समर्थन वापसी के विकल्प पर अभी विचार नहीं कर रही है।
पार्टी के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने दागी मंत्रियों को बचाने के लिए 32 घंटे तक दिल्ली का जन जीवन अस्तव्यस्त किया है जिसकी कानून इजाजत नहीं देता।
भारती की बर्खास्तगी के मुद्दे पर भाजपा के तेवर भी आक्रामक हैं। पार्टी विधायक दल की बृहस्पतिवार की बैठक हो रही है। माना जा रहा है कि इसी बैठक में उपराज्यपाल से मिलकर दिल्ली के कानून मंत्री की बर्खास्तगी की मांग करने का फैसला भी लिया जाएगा।
उधर, दिल्ली महिला आयोग ने कानून मंत्री भारती को नोटिस भेजकर उन्हें शुक्रवार तक अपना पक्ष रखने को कहा है। आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह का कहना है कि यदि भारती शुक्रवार तक नहीं पहुंचे तो उपराज्यपाल से उनकी शिकायत की जाएगी।
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इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल मौजूद नहीं थे और कानून मंत्री ने बार-बार पूछे जाने के बावजूद कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि दिल्ली महिला आयोग द्वारा जारी किया गया कोई नोटिस उन्हें अभी तक नहीं मिला है।
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