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नेशनल हेराल्ड में सोनिया-राहुल गांधी राजनीतिक शिकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मुद्दे पर साफ तौर से कहा कि इस मामले में सोनिया या राहुल गांधी का कोई संबंध है। राजनीतिक दलों द्वारा कर्ज दिए जाने का मामला नया नहीं है। भाजपा ने सिर्फ सियासी फायदे के लिए इस मुद्दे को उठाया है जिसका कोई आधार नहीं है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 12:42 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 01:09 PM (IST)
नेशनल हेराल्ड  में सोनिया-राहुल गांधी राजनीतिक शिकार : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मुद्दे पर अपना पक्ष सामने रखने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों का एक सेट निकाला है। पार्टी ने कहा है कि गांधी परिवार को यंग इंडियन लिमिटेड से कोई लाभ नहीं मिला है। पार्टी ने इन दावों को पूरी तरह गलत कहकर खारिज कर दिया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के वित्तीय संकटों के चलते गठित की गई कंपनी यंग इंडियन एक रियल एस्टेट कंपनी है।

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कांग्रेस ने कहा कि कानून में राजनीतिक दलों द्वारा कर्ज दिये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।चुनाव आयोग ने नवंबर 2012 में इस संबंध में एक स्पष्ट आदेश पारित किया था। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने कहा कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस आधार पर कांग्रेस की मान्यता खत्म करने की मांग की थी किन्तु उनकी शिकायत को उस समय चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ के आदेश द्वारा खारिज कर दिया गया था।

कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडियन से सोनिया या राहुल गांधी को किसी तरह का लाभ नहीं हुआ। यंग इंडियन के निदेशक या शेयरधारक होने के नाते कानून के तहत कंपनी से उन्हें किसी भी तरह का लाभ लेने पर प्रतिबंध है और उन्होंने कुछ लिया भी नहीं । यंग इंडियन एक गैर लाभप्रद एवं धारा 25 कंपनी है। पार्टी ने इस बात से भी इंकार किया है कि एजेएल से यंग इंडियन कोई परिसंपत्ति स्थानांतरित की गयी है।

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कांग्रेस ने अपनी वेबसाइट पर ‘‘नेशनल हेराल्ड’’ शीषर्क से डाले गए एफएक्यूज में कहा कि एजेएल की सभी परिसंपत्तियां एवं आय कंपनी में ही रहेंगी। एक पैसा भी वाईआई, वाईआई निदेशकों या वाईआई शेयरधारकों के पास नहीं गया है। पार्टी ने इन दावों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया कि एजेएल की संपत्ति हड़पने के लिए वाईआई की स्थापना की गई।

उसने कहा कि इसके विपरीत यंग इंडियन एक गैर लाभप्रद धारा 25 कंपनी होने तथा एजेएल की प्रमुख शेयरधारक होने के नाते एजेएल की संपत्तियों की सुरक्षा बढाती है। वित्त मंत्री अरूण जेटली के इस दावे कि वाईआई एक रियल एस्टेट कंपनी है, उसने कहा कि यह बयान पूरी तरह गलत है।

वाईआई किसी रियल एस्टेट संपत्ति या अचल संपत्ति का स्वामित्व नहीं करती है। एजेएल के पास ही सभी संपत्तियों का स्वामित्व है। कांग्रेस ने इन दावों से भी इंकार किया कि वाईआई अब एजेएल की संपत्ति का स्वामित्व करती है। उसने कहा कि नहीं, यंग इंडियन एवं एसोसिएटेड जर्नल, दोनों भिन्न प्रतिष्ठान हैं। एजेएल की सभी संपत्तियां एवं परिसंतियां एजेएल के पास बनी हुई हैं।

यह आरोप उन गलत आरोपों के समान है कि इंडियन होटल्स लि. के किसी शेयरधारक के पास ताज समूह की होटल संपत्तियों पर अधिकार है और वह किसी खास होटल का स्वामित्व करता है या उसमें जा सकता है। कांग्रेस द्वारा एजेएल को 90 करोड़ रूपये का कर्ज दिये जाने का औचित्य बताते हुए पार्टी ने कहा कि उसने पिछले कई दशकों से एजेएल को वित्तीय सहयोग दिया हालांकि कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर बनी रही।

कांग्रेस ने कहा कि इससे पार्टी की एजेएल को मदद करने की मंशा झलकती है। उसने कहा कि कोई भी वाणिज्यिक बैंक कंपनी की नकारात्मक मूल्यांकन के कारण एजेएल को एक भी रूपये का कर्ज देने को तैयार नहीं था। कंपनी का यह नकारात्मक मूल्यांकन उसकी मामूली आय तथा बैलेंस शीट पर अत्यधिक दबाव के कारण हुआ था। स्वामी की शिकायत के अनुसार मामले में नामजद सभी वाईआई के निदेशक हैं। इस कंपनी की स्थापना 2010 में हुई थी । नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल के कर्ज का जिम्मा अपने उपर ले लिया था।

सोनिया और राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट की शरण लेते हुए अपने खिलाफ जारी सम्मन खारिज करवाने का अनुरोध किया था। उन्होंने अपने पक्ष में ये दलील दी कि सुब्रमण्यम स्वामी ने राजनीतिक मकसद से उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।


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