वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी की हलचल के बावजूद बेचैन नहीं कांग्रेस
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पार्टी के तमाम प्रचारक आखिरी दो दिनों में पीएम के वाराणसी में पूरी ताकत झोंकने पर तंज कस रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाराणसी के चुनाव अभियान को अपनी अभूतपूर्व मौजूदगी से सियासी उफान पर पहुंचा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हलचल के बाद भी कांग्रेस नेतृत्व इसको लेकर ज्यादा बेचैन नहीं है। पार्टी का मानना है कि पीएम की वाराणसी में लगातार तीन दिन मौजूदगी यह साबित कर रही है कि कांग्रेस-सपा गठबंधन की जमीनी स्तर पर मजबूती को भेदना भाजपा के लिए आसान नहीं है। इसीलिए कांग्रेस के साथ सपा पीएम सहित भाजपा के दिग्गजों के वाराणसी में डेरा डालने को उनके राजनीतिक डर के रुप में प्रचारित करने की कोशिश कर रही है।
इसी रणनीति के तहत कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पार्टी के तमाम प्रचारक आखिरी दो दिनों में पीएम के वाराणसी में पूरी ताकत झोंकने पर तंज कस रहे हैं। तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रचार अभियान की रणनीति को अंजाम दे रहे प्रशांत किशोर की टीम ने पीएम के रोड शो से मचने वाली हलचल को भांपते हुए इसके सियासी जवाब की योजना तैयार कर ली थी।
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इसलिए अखिलेश और राहुल गांधी दोनों ने शनिवार को जब वाराणसी में रोड शो किया तो पीएम के शहर में तीन दिन के कार्यक्रमों को भाजपा की कमजोरी के रुप में पेश करने की कोशिश की। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी कुछ ऐसा ही दावा करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री के लिए विधानसभा चुनाव के लिए एक शहर में तीन दिन प्रचार करना अभूतपूर्व है। खासकर तब जब यह शहर खुद पीएम का संसदीय क्षेत्र हो।
वाराणसी में प्रधानमंत्री के पहले दोनों दिनों के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जुटी भीड़ क्या गठबंधन के लिए चिंता की बात नहीं? इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रचार प्रोपेगेंडा में भाजपा का कोई मुकाबला नहीं है और पीएम की इसमें खास महारथ है। तिवारी ने कहा कि यह तथ्य भी अब छिपा नहीं है कि वाराणसी में भाजपा ने उत्तरप्रदेश के दूसरे हिस्सों के साथ देश भर से अपने कैडर को जुटाया है।
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