Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुछ यूं बनी SP और कांग्रेस में गठबंधन की बात, अब चुनावी परीक्षा की बारी

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Mon, 23 Jan 2017 02:58 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस अब समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।

    कुछ यूं बनी SP और कांग्रेस में गठबंधन की बात, अब चुनावी परीक्षा की बारी

    नई दिल्ली (जेएनएन)। यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन फाइनल होने के बाद राजनैतिक कयासों पर विराम लग गया है। शनिवार को आसार करीब-करीब ऐसे थे कि अब गठबंधन नहीं ही होगा। रामगोपाल यादव ने भी कह दिया की बातचीत की सारी संभावनाएं खत्म हो गईं लेकिन रविवार शाम होने से पहले ही इस गठबंधन पर मुहर लग गयी। यह सब संभव हुआ पर्दे के पीछे से चल रही बातचीत के बाद, जिसमें प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीट बंटवारे की खींचतान में शनिवार को आए नाजुक दौर में प्रियंका ने ही सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सीधे संपर्क साधा। इसके बाद ही अखिलेश ने भी कांग्रेस की 'प्रतिष्ठा' का खयाल रखने के लिए अपनी कुछ सीटों की कुर्बानी दे दी। बताया जाता है कि इसमें अखिलेश की सांसद पत्नी डिंपल यादव ने भी बेहद सकारात्मक भूमिका निभाई।

    यह भी पढ़ें: प्रियंका ने कराई सपा-कांग्रेस की चुनावी दोस्ती

    पर्दे की पीछे से सक्रिय रहीं प्रियंका

    समाजवादी पार्टी से गठबंधन के पीछे प्रियंका की अहम भूमिका की पुष्टि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी की है। एसपी-कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर ऐसा पेंच फंसा था कि गठबंधन पर संकट मंडराने लगा था, क्योंकि एसपी 100 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी जबकि कांग्रेस 120-125 पर अड़ी थी। पर कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि प्रियंका ने अखिलेश से बातकर बिगड़ी बात को बना दिया और गठबंधन फाइनल हो गया।

    403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में अब 298 सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों को उतारेगी जबकि 105 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। हालिया घटनाक्रमों पर नजर डाली जाए तो प्रियंका गांधी कई जगहों पर केंद्रीय भूमिका निभाते हुए नजर आ रही है। अभी तक प्रियंका की भूमिका राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली तक ही सीमित मानी जाती थी। जानकार मान रहे हैं कि यह प्रियंका की राजनीति में बढ़ती हुई सक्रियता का इशारा हो सकता है, जिसकी पुष्टि खुद गांधी परिवार की ओर से की जा रही है।

    यह भी पढ़ें: UP Elections 2017: सपा-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस को 105 सीटें मिलीं

    साथ प्रचार करेंग राहुल और अखिलेश !

    दरअसल कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन तय माना जा रहा था। लेकिन पिछले हफ्ते अखिलेश द्वारा 200 उम्मीदवारों की सूची जारी करने से कांग्रेस आलाकमान काफी नाराज हुआ था। जिससे यह कयास लगने शुरू हो गए थे कि अब दोनों दल अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी अंत तक गंठबंधन के लिए प्रयासरत रही जिसका नतीजा हुआ कि कांग्रेस, एसपी से 105 सीटें लेने में कामयाब रही।

    ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अब अखिलेश यादव और राहुल गांधी साथ-साथ चुनाव प्रचार करेंगे। कांग्रेस के पिछले प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो कांग्रेस को 100 से ज्यादा सीटें मिलना भी फायदे का सौदा है। भाजपा से मिल रही चुनौती और 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस की प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही थी।

    सपा और कांग्रेस दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है गठबंधन

    सपा में चल रहे पारिवारिक घमासान के बाद अखिलेश कैंप भी चुनाव में अकेले उतरने के लिए तैयार नहीं था। इसका मुख्य कारण था मुस्लिम वोट बैंक। इस गठबंधन के बाद दोनों दलों का मुस्लिम वोट बैंक मजबूत होगा। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के साथ सीधे गठबंधन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर सपा को बढ़त मिलेगी। सवर्ण वोट भी सपा के खाते में जाएगा। कुछ फायदों के साथ सपा को गठबंधन से नुकसान भी हो सकता है। इससे कांग्रेस को यूपी में संजीवनी मिलेगी और मुस्लिम वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हो सकता है।

    यह भी पढ़ें: अखिलेश का घोषणा पत्र : एक करोड़ को हजार रुपया मासिक पेंशन

    comedy show banner
    comedy show banner