बजट 2016: इन चीजों पर टिकी है आम आदमी की नजर
आइए डालते हैं आम बजट से जुड़ी वे खास बातें जिन पर आम आदमी की नजर पूरी तरह टिकी होती हैं। ...और पढ़ें

नई दिल्ली। 2016-17 का आम बजट लोकसभा में अगले सोमवार यानी 29 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही बयान दे चुके हैं कि यह लोक लुभावन बजट नहीं होगा। आगामी बजट में कुछ ऐसी नई योजनाओं की भी घोषणा की जा सकती है जिससे सरकार को फायदा पहुंचे।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की राह को आसान करने के लिए सरकार, कई वस्तुओं पर लग रहे सबसे कम टैक्स को बढ़ाने और एक्साइज ड्यूटी में मिल रही छूट को खत्म करने पर विचार कर रही है। आइए डालते हैं आम बजट से जुड़ी वे खास बातें जिन पर आम आदमी की नजर पूरी तरह टिकी होती हैं।
- आयकर में छूट - हर नौकरीपेशा व छोटा-मोटा बिजनेस करने वाला शख्स आयकर में मिलने वाली छूट पर बजट के दौरान नजरें टिकाए रखता है। संभावना है कि इस बार के बजट में आयकर छूट की सीमा में इस बार बढ़ोत्तरी हो सकती है।
- सस्ती वस्तुएं - बजट में कई तरह के टैक्स की घोषणाएं होती हैं। इसके कारण हर शख्स यह जानना चाहता है कि इन घोषणाओं से क्या-क्या चीजें सस्ती हुई हैं।
- महंगी वस्तुएं - बजट में होने वाली घोषणाओं के कारण कई चीजों पर टैक्स बढ़ जाते हैं और ये महंगे हो जाते हैं। इस कारण भी आम आदमी अपनी जेब को ध्यान में रखते हुए बजट पर नजरें गड़ाए रहता है।
- लोन पर टैक्स छूट - अधिकतर लोग घर व कार खरीदने के लिए हाउसिंग व व्हीकल लोन लेते हैं। ऐसे में हर किसी को यह उम्मीद रहती है कि बजट में हाउसिंग या व्हीकल लोन पर लगने वाले ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ जाए।
- सोने पर शुल्क - सोने पर किसी भी प्रकार का टैक्स लगने से यह महंगा या सस्ता होता है। यह हर किसी को प्रभावित करता है क्योंकि भारत दुनिया में सबसे अधिक सोने का इस्तेमाल करने वाले देशों में से एक है।
- शिक्षा, रोजगार व नौकरी - देश में एक बहुत बड़ा युवा वर्ग है, जो शिक्षा से जुड़ी हर घोषणा में खुद के लिए कुछ खास मिलने की उम्मीद करता है, जैसे नए कॉलेज, नए प्रोजेक्ट आदि। देश में बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो साक्षर होने के बावजूद बेरोजगार हैं। उन सभी को बजट से ऐसी घोषणाओं की उम्मीद रहती है, जो उनके लिए नौकरी व रोजगार के अवसर पैदा कर सकें।
- विदेशी निवेश - विदेशी निवेश (एफडीआई) देश में आने से कई फायदे होते हैं तो कई नुकसान भी। इस कारण एफडीआई पर सभी की निगाहें रहती हैं। एक ओर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलता है, तो दूसरी ओर बड़े-बड़े मॉल खुलने से छोटे व्यापारियों को नुकसान भी हो सकता है।

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