वित्त मंत्री की चेतावनी, काले धन के दोषियों के खिलाफ दर्ज होगा केस
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि काला धन रखने वालों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, प्रेट्र। काला धन रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा, जिन्होंने विदेशों में अवैध तरीके से खाते खुलवाकर धन जमा कराया है। सरकार उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी जिनके नाम पनामा पेपर्स में सामने आए हैं।
मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जिनके नाम पनामा पेपर्स में आए हैं, अगर विदेशों में उनके खातों में अवैध तरीके से जमा धन पाया जाता है तो उनके खिलाफ वैसी ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी जैसी स्विटजरलैंड स्थित एचएसबीसी के खातों से संबंधित व्यक्तियों पर हुई थी। पनामा पेपर्स में सैकड़ों भारतीयों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने विदेशी टैक्स हैवन में अवैध तरीके से बैंक खाते खोलकर धन जमा कराया या फिर वहां कंपनियां बनाकर उनमें निवेश किया।
जेटली ने कहा कि सरकार पिछले वित्त वर्ष में विदेशों में जमा काले धन से निपटने के लिए कानून लेकर आई थी। अब घरेलू काले धन पर फोकस किया जा रहा है। घरेलू काले धन के खुलासे के लिए शुरू होने जा रही स्कीम में जो लोग अघोषित संपत्ति का खुलासा नहीं करेंगे, उन्हें दस साल तक की सजा हो सकती है। विदेशी काले धन के लिए बनाए गए कानून के चलते करीब 4000 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा हुआ। वित्त मंत्री ने कहा कि चार माह की अनुपालन खिड़की एक जून से खुल रही है। इस दौरान लोगों को 45 फीसदी टैक्स भरकर अपनी देयता पूरी करने का मौका मिलेगा।
जेटली ने कहा कि सरकार ने टैक्स हैवन लिकटेंस्टीन और एचएसबीसी में अवैध तरीके से खाते खुलवाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। कर अधिकारियों ने इन लोगों की आय का आकलन पूरा कर लिया है और उनके खिलाफ केस दायर किये गए हैं। उन्होंने बताया कि हमने स्विटजरलैंड के साथ समझौता किया है। जिन लोगों ने एचएसबीसी में खाते खुलवाए हैं, उनकी जानकारी मिल गई है। इनकी आय और संपत्ति का आकलन कर लिया गया है। इन लोगों के पास 6000 करोड़ रुपये का काला धन होने का आकलन किया गया है। इन लोगों पर आपराधिक केस दायर किया गया है।
अच्छे मानसून से नौ फीसद विकास दर
अर्थव्यवस्था के सवाल पर जेटली ने कहा कि अच्छे मानसून से आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी। अगर ग्लोबल आर्थिक हालात मददगार होते हैं तो भारत की विकास दर 8-9 फीसद तक हो सकती है। लेकिन दुनियाभर में सुस्ती रहने की स्थिति में यह विकास दर हासिल करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि इस साल भी विकास दर अच्छी रही है। अगर मानसून बेहतर रहता है तो गांवों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और समूची अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। दुनिया में भारत पहली बार सबसे तेज गति से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बना। हमारी विकास दर 7.5 फीसद बनी हुई है। यह विकास दर दूसरे तमाम देशों से काफी अच्छी है लेकिन हमारी अपेक्षाओं से कम है।

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