मणिपुर में नौवीं की छात्रा आमरण अनशन पर
मणिपुर में इनर लाइन परमिट (आइएलपी) की मांग को लेकर नौवीं की एक छात्रा रविवार को आमरण अनशन पर बैठ गई। राज्य में पिछले कई दिनों से आइएलपी लागू करने की मांग को लेकर लोग आंदोलन कर रहे हैं। विष्णुपुर जिले के बेथेल इंग्लिश स्कूल की छात्रा 14 वर्षीय थाउनोउजाम संजीब
इंफाल। मणिपुर में इनर लाइन परमिट (आइएलपी) की मांग को लेकर नौवीं की एक छात्रा रविवार को आमरण अनशन पर बैठ गई। राज्य में पिछले कई दिनों से आइएलपी लागू करने की मांग को लेकर लोग आंदोलन कर रहे हैं।
विष्णुपुर जिले के बेथेल इंग्लिश स्कूल की छात्रा 14 वर्षीय थाउनोउजाम संजीब ने सुबह नामबोल बाजार में आमरण अनशन शुरू किया। मणिपुर में आइएलपी लागू करने और पिछले आठ जुलाई को पुलिस कार्रवाई में सपाम रोबिनहुड के मारे जाने के लिए जिम्मेदार सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर यह आमरण अनशन शुरू किया। इंफाल पूर्वी जिले में एक स्कूल के सामने पांच अन्य छात्रों ने भी सुबह आमरण अनशन शुरू किया। जबकि उसी स्थान पर अनशनकारी छात्रों के तीसरे जत्थे को पुलिस उठा कर ले गई। इंफाल पश्चिम जिले के ताकयेल कोलोम लिकाइ में रविवार को पुलिस से भूख हड़ताल कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के कुछ ही देर बाद चार अन्य लोगों ने उसी स्थान पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। मणिपुर में कई इलाकों में आइएलपी लागू करने की मांग को लेकर लोग भूख हड़ताल कर रहे हैं। बताया जाता है कि इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर हो गई है।
क्या है आइएलपी
इनर लाइन परमिट एक विशेष पास है जो अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में प्रवेश के लिए जरूरी है। इसे ब्रिटिश काल में पूर्वोत्तर में लागू किया गया था। 1950 मणिपुर क्षेत्र में इसे निरस्त कर दिया गया। 1972 में राज्य बनने से पहले वह असम के तहत था। मणिपुर में आइएलपी लागू करने की मांग 1980 में उठी। फिर 2006 इसको लेकर एक संगठन फ्रेंड्स बना और 2012 में इसको लेकर आंदोलन शुरू हुआ। वर्तमान में 30 निकाय संस्थाओं ने इसके लिए ज्वायंट कमिटी ऑन इनर लाइन परमिट सिस्टम (जेसीआइएलपीएस) बना कर आंदोलन चलाया है।
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