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लटका एनजेएसी का गठन, मुख्य न्यायाधीश का चयन बैठक में हिस्सा लेने से इंकार

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की नई व्यवस्था देने वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का गठन फिलहाल लटक गया है। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने लंबित याचिकाओं का निपटारा होने तक एनजेएसी के गठन के लिए दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के चयन की बैठक में हिस्सा

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 09:03 PM (IST)
लटका एनजेएसी का गठन, मुख्य न्यायाधीश का चयन बैठक में हिस्सा लेने से इंकार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की नई व्यवस्था देने वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का गठन फिलहाल लटक गया है। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने लंबित याचिकाओं का निपटारा होने तक एनजेएसी के गठन के लिए दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के चयन की बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। फिलहाल संविधानपीठ में इसकी वैधानिकता पर बहस चल रही है। मुख्य न्यायाधीश के बैठक में हिस्सा नहीं लेने से फिलहाल एनजेएसी का गठन लटक गया है।

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बीस साल से चली आ रही कोलेजियम व्यवस्था समाप्त कर न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एनजेएसी कानून पारित किया है। कानून लागू भी हो चुका है अब छह सदस्यीय एनजेएसी का गठन होना है। लेकिन एनजेएसी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। मामले पर न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।

सीजेआइ ने प्रधानमंत्री को लिखा है पत्र

सोमवार को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने संविधान पीठ को बताया कि पीएमओ से आए बैठक के लिए निमंत्रण पर मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं का निपटारा होने तक दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के चयन की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। रोहतगी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के हिस्सा नहीं लेने से एनजेएसी का गठन लटक गया है।

नहीं पारित हुआ अंतरिम आदेश

रोहतगी ने संविधानपीठ से अनुरोध किया कि इस बावत कोई अंतरिम आदेश पारित किया जाए। इस नए तथ्य के सामने आने के बाद पीठ ने याचिकाओं पर बहस के लिए कोर्ट मे मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ताओं के विचार पूछे। सबका पक्ष सुनने के बाद पीठ 15 मिनट के लिए उठ गई। पीठ जब दोबारा बैठी तो इस बावत कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से मना कर दिया। पीठ ने कहा कि पहले मामले की मेरिट पर सुनवाई के बाद अगर जरूरत हुई तो अंतरिम आदेश के बारे में विचार करेगी। इसके बाद एनजेएसी कानून की वैधानिकता पर बहस शुरू हो गई जो मंगलवार को भी जारी रहेगी।

मुख्य न्यायाधीश एनजेएसी के अध्यक्ष हैं। इतना ही नहीं छह सदस्यीय एनजेएसी के दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के चयन की तीन सदस्यीय समिति में भी मुख्य न्यायाधीश हैं। बाकी के दो सदस्य प्रधानमंत्री और लोकसभा में प्रतिपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता हैं।

गर्मी की छुट्टी से पहले पीठ पूरी कर लेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि वह इस मामले में ग्रीष्मावकाश के पहले सुनवाई पूरी कर लेगा। सरकार भी कोर्ट को भरोसा दिला चुकी है कि 10 मई तक एनजेएसी का गठन पूरा हो जाएगा लेकिन जुलाई तक कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि एनजेएसी फिलहाल सिर्फ हाई कोर्ट के एडिशनल जजों के नियमन और कार्यविस्तार के बारे में ही फैसला करे। लेकिन मुख्य न्यायाधीश के बैठक में हिस्सा न लेने से एनजेएसी का गठन नहीं होगा जिससे एडिशनल जजों के नियमन और कार्यविस्तार के मामले लटक जाएंगे।

पढ़ेंः फैसला होने तक एनजेएसी नहीं करेगा जजों की नियुक्ति


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