14 साल की बाली उमर में ही यह काम कर लेते हैं शहरी बच्चे
स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दिए जाने को लेकर भले ही केंद्र की मोदी सरकार आनाकानी कर रही हो, लेकिन देश के बच्चे काफी आगे निकल चुके हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये बच्चे 14 साल की बाली उमर में ही पहली बार यौन संबंध
मुंबई। स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दिए जाने को लेकर भले ही केंद्र की मोदी सरकार आनाकानी कर रही हो, लेकिन देश के बच्चे काफी आगे निकल चुके हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये बच्चे 14 साल की बाली उमर में ही पहली बार यौन संबंध बना लेते हैं। इतना ही नहीं ये बच्चे यौन संक्रमित रोगों के भी शिकार हो रहे हैं। बीते चार सालों में किशोरों में यौन रोगों में 4.9 फीसद की बढ़ोतरी हो गई है, जो पहले से काफी ज्यादा है।
भारत के 8 मेट्रोपॉलिटन व 12 शहरों में 13 से 19 साल की उम्र के 15 हजार बच्चों के बीच करवाए गए सर्वे के आधार पर ये नतीजे सामने आए हैं। सर्वे के नतीजों के अनुसार, तकरीबन 8.9 फीसद बच्चों को कभी न कभी यौन संक्रामक रोग का सामना करना पड़ा। साथ ही यह भी सामने आया कि लड़कों द्वारा पहली बार यौन संबंध बनाने की औसत उम्र 13.72 साल और लड़कियों में यह औसत उम्र 14.09 साल है।
ई-हेल्थकेयर कंपनी मेडीएंगल्स के डॉक्टर देबराज शोम के अनुसार, '2011-12 की तुलना में यौन संक्रामक रोगों में तकरीबन दोगुना इजाफा हुआ है जो चिंताजनक बात है।'
सर्वे में शामिल 6.5 फीसद लड़कों व 1.3 फीसद लड़कियों ने माना कि उन्होंने कम से कम एक बार तो यौन संबंध बनाए ही हैं। पिछली बार हुए सर्वे के अनुसार, लड़कों के लिए यौन संबंध बनाने की औसत आयु जहां 15.25 साल थी, वहीं लड़कियों में यह उम्र 16.66 साल थी।
आपको बता दें कि 2006 में राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार, 15 से 24 साल के युवाओं में से तमाम ऐसे हैं, जो कभी न कभी यौन संबंध बना लेते हैं। ऐसे लोगों में 15 से 22 फीसद तक लड़के थे जबकि एक से छह फीसद लड़कियों ने भी बाली उमर में संबंध बनाए।
[साभार-नई दुनिया]