भारत और नेपाल के संबंध हिमालय जितने पुराने हैं- पीएम मोदी
डोकलाम मुद्दे पर चीन के साथ भारत जिस तरह से विवाद में फंसा हुआ है और चीन की तरफ से नेपाल को आकर्षित करने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं उसे देखते हुए यह यात्रा बहुत अहम हो गई है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। नेपाल के पीएम शेर बहादुर देऊबा का आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद देऊबा ने पीएम मोदी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की और दोनों देशों के प्रमुखों ने साझा बयान जारी किया। इस बयान में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध हिमालय जितने पुराने हैं।
उन्होंने बताया कि पीएम देउबा और मेरे बीच बात हुई है कि पहले से चल रहे हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स के तय समय सीमा से पहले निपटाएंगे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि नेपाल की बाढ़ में पूरी तरह का सहयोग देने की बात पर फिर से जोर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अरुण 3 से जुड़े जमीन मामले को सुलझा लिया गया है। मैं उसके उद्घाटन के लिए मुझे नेपाल आमंत्रित करने पर उनका धन्यवाद देता हूं
तो वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि वो पीएम मोदी की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सबके साथ सबका विकास नीति की सराहना करते हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति भवन में देऊबा ने अपना करीबी पड़ोसी बताते हुए कहा कि भारत ने हमारे विकास प्रयासों में काफी सहायता की है। प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे हमारा और अधिक समर्थन करें।
Delhi: Nepal's Prime Minister Sher Bahadur Deuba accorded ceremonial reception at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/A005uGtHtD
— ANI (@ANI) August 24, 2017
A close neighbor, India helped Nepal in our development efforts, would request PM to support more: Nepal PM SB Deuba at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/tw4N2Eungo
— ANI (@ANI) August 24, 2017
गौरतलब है कि देऊबा पांच दिवसीय यात्रा पर बुधवार को नई दिल्ली आए हैं। भारत उनकी यात्रा को कितना महत्व देता है उसे दिन भर चली गतिविधियों से समझा जा सकता है। पहला, उनकी आगवानी के लिए स्वयं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हवाई अड्डे पर पहुंची। दूसरा, कैबिनेट ने नेपाल के साथ सहयोग के दो अहम मुद्दों को मंजूरी दी। तीसरा, गुरुवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता से पहले बुधवार देर शाम देऊबा ने अचानक पीएम नरेंद्र मोदी के निवास स्थान पर पहुंच कर मुलाकात की।
नेपाल के पीएम पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे दिल्ली
मोदी-देऊबा वार्ता का एजेंडा
1. चीन की बीआरआइ परियोजना में नेपाल का शामिल होना
2. नेपाल में संविधान संशोधन प्रक्रिया में प्रगति
3. बाढ़ नियंत्रण को लेकर होने वाले उपायों की समीक्षा
दरअसल, डोकलाम मुद्दे पर चीन के साथ भारत जिस तरह से विवाद में फंसा हुआ है और चीन की तरफ से नेपाल को आकर्षित करने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं उसे देखते हुए देऊबा की यह यात्रा बहुत अहम हो गई है। जानकार यह भी मान रहे हैं कि गुरुवार को जब मोदी और देऊबा द्विपक्षीय वार्ता के लिए नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आमने-सामने बैठेंगे तो उनके एजेंडे में चीन के साथ जुड़ा मसला काफी उपर होगा। नेपाल में पैठ जमाने में चीन धीरे धीरे सफल हो रहा है और देऊबा सरकार को उससे कोई ऐतराज भी नहीं है। भारत की आपत्तियों के बावजूद चीन ने जब बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव (बीआरआइ) की बैठक बुलाई तो उसमें नेपाल ने हिस्सा लिया और समझौता भी किया। काठमांडू-तिब्बत के बीच रासुवागाढ़ी हाइवे को नए सिरे से बनाने और इस पर रेलवे लाइन बिछाने की बातचीत भी हुई है। चीन ने धीरे-धीरे नेपाल को ऊर्जा उत्पादों की आपूर्ति भी शुरू कर दी है। अभी तक नेपाल इसके लिए पूरी तरह से भारत पर आश्रित रहा है। नेपाल में चीन की गतिविधियों पर भारत की पैनी नजर है।
इनके अलावा भी कई अहम मुद्दे हैं जिन पर दोनों देशों के बीच बातचीत होना बहुत आवश्यक हो गया है। इसमें एक बाढ़ नियंत्रण से जुड़ा मुद्दा भी है। वर्तमान में बिहार के बड़े हिस्से में आई बाढ़ के लिए नेपाल से आने वाली नदियों का पानी जिम्मेदार है। नेपाल में इन नदियों पर बांध बनाने के मुद्दे पर पहले दोनो देशों में बातचीत हुई थी, लेकिन मामला अभी तक बहुत आगे नहीं बढ़ा है। इसके अलावा नेपाल में संविधान संशोधन और वहां रह रहे मधेशियों को उनका वाजिब हक दिलाने का मुद्दा भी भारत उठाएगा।
वैसे मोदी सरकार ने बुधवार को नेपाल में मादक पदार्थो के कारोबार के खात्मे में सहयोग करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। नेपाल में ड्रग की समस्या खतरे का निशान पार कर चुकी है। ऐसे में वह लगातार भारत से सहयोग मांग रहा है। राह इस समझौते से खुलेगी। दूसरा फैसला नेपाल-भारत सीमा पर मेछी नदी पर पुल बनाने को लेकर है। यह भारतीय मदद से बनेगा।
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