बच्चों के रोचक सवालों का प्रधानमंत्री ने दिया अपने अंदाज में जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा पहुंचे। पीएम ने गीदम के जावंगा ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों से कई रोचक सवाल पूछे और प्रधानमंत्री ने उनका अपने अंदाज में जवाब दिया।
दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा पहुंचे। पीएम की इस यात्रा की खास बात है कि करीब 30 साल बाद देश का कोई प्रधानमंत्री दंतेवाड़ा पहुंचा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ प्रधानमंत्री मोदी एजुकेशन सिटी के ऑडिटोरियम में छात्रों से बात करने पहुंचे। पीएम ने गीदम के जावंगा ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों से कई रोचक सवाल पूछे और प्रधानमंत्री ने उनका अपने अंदाज में जवाब दिया।
सवाल : कोई घटना बताइए जिससे आपको प्रेरणा मिली हो?
पीएम का जवाब : बहुत बार खुद से ज्यादा औरों की घटनाओं से प्रेरणा मिलती है। लेकिन उसके लिए हमें खुद को उस तरह बनाना होगा कि दूसरों से सीख सकें। आप लोग एक पोलीएना नाम की एक किताब पढ़िएगा, 70-80 पन्नों की इस किताब में एक बच्ची का पात्र है। उसके मन में एक ही विचार रहता है कि हर चीज में से अच्छी बात कैसे निकाली जा सकती है।
सवाल : दिन में 18 घंटे काम कैसे करते हैं?
पीएम का जवाब : मैं कभी नहीं गिनता की कितने घंटे काम किया। जब हम गिनना शुरू कर देते हैं तो हम थक जाते है कि, अरे इतना समय काम कर लिया। बच्चों आपको मिला होमवर्क जैसे ही पूरा होता है वैसे ही आपकी थकान उतर जाती है। काम की थकान कभी नहीं होती, काम न करने की थकान होती है। जितना ज्यादा काम करते हैं उतना ही ज्यादा आनंद मिलता है।
सवाल : आपके जीवन की सबसे बड़ी सफलता किसे मानते है और उसका श्रेय किसे देंगे?
पीएम का जवाब : जीवन को सफलता और विफलता के तराजू से नहीं तौलना चाहिए। हमे एक ध्येय लेकर चलना चाहिए। कभी रुकावट और कठिनाईयां आए तो ध्येय के आगे यह बौनी हो जाती है। इसके साथ ही विफलता से सीखना चाहिए। ज्यादातर लोग इसलिए सफल नहीं होते क्योंकि वे विफलता से नहीं सीखते। मेरा जीवन ऐसा है जिसमें ज्यादातर विफलताएं ही मिली है। कोशिश करता हूं कि विफलता से ज्यादा से ज्यादा सीखने का प्रयास करूं।
सवाल : यदी आप राजनीति में नहीं होते तो क्या होते?
पीएम का जवाब : जीवन का सबसे ज्यादा आनंद बच्चे बने रहने का है। बड़े हो जाते है तब हमें उसका महत्व पता लगता है। ईश्वर मुझसे पूछे कि क्या चाहते हो, तो मैं वापस बच्चा बनना चाहूंगा।
सवाल : आपकी सफलता का राज बताना चाहेंगे?
पीएम का जवाब : जीवन में कोई भी क्षेत्र में सफल होना है तो हमें पता होना चाहिए कि कहा और किस रास्ते जाना है। हमें पता होना चाहिए कैसे जाना है, कब तक जाना है। अगर हमारी ऐसी सोच होगी तो रुकावटों के बाद भी संकल्प दृढ रहेगी। लक्ष्य से भटकने वालों को कभी सफलता नहीं मिलती। आज एक इच्छा तो कल कोई दूसरी इच्छा। ऐसा न हो तो सफलता हमारी कदम चूमती चली आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कुछ बनने बनना है तो बनने के सपने कम देखों और करने के सपने ज्यादा देखो।
साभार - नई दुनिया
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