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    RBI के पूर्व गवर्नर का आरोप, कामकाज में दखल देते थे चिदंबरम और प्रणब

    आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्‍बाराव ने यूपीए सरकार के तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी पर उनकेे कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2016 07:10 PM (IST)

    मुंबई (पीटीआई)। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने अपनी किताब 'हू मूव्ड माई इंटरेस्ट रेट्स' में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी पर उनके कामकाज में दखल देने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। अपनी किताब के जरिए उन्होंने नार्थ ब्लॉक के अपने अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी भी की है। उन्होंने कहा है कि ब्याज दर तय करने में दोनों पूर्व वित्त मंत्री उनके काम में हस्तक्षेप किया करते थे। सुब्बाराव 5 सितंबर 2008 से 4 सितंबर 2013 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। लेहमैन ब्रदर्स के ढहने के समय से पांच वर्षो के संकटकाल में सुब्बाराव ने आराबीआइ का नेतृत्व किया था।

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    उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी दोनों ही रिजर्व बैंक की कड़ी ब्याज दर नीति से खफा थे। दोनों का मानना था कि ऊंची ब्याज दर निवेश की राह में रोड़ा है विकास को नुकसान पहुंचाती है। अपनी 352 पृष्ठों की किताब में उन्होंंने अपने पांच वर्षो के अनुभव को सामने रखा है। अपनी किताब में सुब्बाराव ने राजन को विदेशी मुद्रा बाजार में बुद्धिमानी दिखाने और रुपये की हालत सुधारने का श्रेय दिया है।

    अपनी इस किताब में पूर्व गवर्नर ने कहा है कि उनके कार्यकाल में चिदंबरम और मुखर्जी ने किस तरह दर नीति पर फैसले को लेकर आरबीआई से अपने मतभेद सार्वजनिक किए थे। सुब्बाराव ने कहा है कि ब्याज दर घटाने को लेकर उनपर दबाव डाला जाता था।