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    कोयला-जेपीसी पर चर्चा से भागी सरकार

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    Updated: Mon, 22 Apr 2013 10:01 PM (IST)

    नई दिल्ली [जाब्यू]। कोयला घोटाले पर सीबीआइ की रिपोर्ट में फेरबदल कराने और 2जी पर जेपीसी की विवादित मसौदा रिपोर्ट के मसले पर संप्रग सरकार संसद सत्र के पहले दिन बुरी तरह घिरी रही। विपक्ष इन दोनों ही मुद्दों पर हमलावर रवैया अपनाए रहा और सरकार इन पर बहस से भागती रही। लोकसभा तो पूरे दिन के लिए हंगामे के चलते स्थगित हो गई, लेकिन राज्यसभा में सरकार ने दोनों ही मसलों पर चर्चा से बचने का हर पैंतरा अपनाया और आखिरकार पहले दिन कामयाब रही। सरकार जिस तरह से इन दोनों मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है और विपक्ष हमलावर है, उससे 13 दिन के संक्षिप्त सदन का पहला हफ्ता चल पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

    नई दिल्ली [जाब्यू]। कोयला घोटाले पर सीबीआइ की रिपोर्ट में फेरबदल कराने और 2जी पर जेपीसी की विवादित मसौदा रिपोर्ट के मसले पर संप्रग सरकार संसद सत्र के पहले दिन बुरी तरह घिरी रही। विपक्ष इन दोनों ही मुद्दों पर हमलावर रवैया अपनाए रहा और सरकार इन पर बहस से भागती रही। लोकसभा तो पूरे दिन के लिए हंगामे के चलते स्थगित हो गई, लेकिन राज्यसभा में सरकार ने दोनों ही मसलों पर चर्चा से बचने का हर पैंतरा अपनाया और आखिरकार पहले दिन कामयाब रही। सरकार जिस तरह से इन दोनों मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है और विपक्ष हमलावर है, उससे 13 दिन के संक्षिप्त सदन का पहला हफ्ता चल पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

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    लोकसभा तो खैर हंगामे के चलते एक बार भी चल नहीं सकी। मगर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बेहद हाई वोल्टेज नाटकीय घटनाक्रम चला। आखिर में दिल्ली में पांच वर्ष की बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की घटना पर दोपहर बाद चर्चा हुई, लेकिन जेपीसी व कोयला घोटाले के मुद्दों पर चर्चा से सरकार बच निकली। आसार हैं कि 25 अप्रैल तक हालात ऐसे ही रहेंगे। उसी दिन जेपीसी की कथित रिपोर्ट [जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 2जी घोटाले में क्लीन चिट दी गई है और कैग के नुकसान के आकलन पर सवाल उठाए गए हैं] को पेश किया जाएगा। यह रिपोर्ट मंजूर होती है या नहीं, उसी दिन तय होगा। इसी तरह 25 अप्रैल को ही कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई है। इन दोनों घटनाओं के बाद ही सरकार इन मुद्दों पर सदन में अगली रणनीति तय करेगी।

    यही कारण था कि सोमवार को राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने पहले अन्नाद्रमुक सांसद वी. मैत्रेयन को कोयला मामले में सीबीआइ के काम में सरकारी दखल का मामला उठाने की अनुमति दे दी। मगर तभी सात लोगों के अलग-अलग मामलों पर नोटिस दिए जाने का हवाला देते हुए संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने वोटिंग का प्रस्ताव रख दिया। विपक्ष के उपनेतारविशंकर प्रसाद 2जी मामले पर जेपीसी की रिपोर्ट लीक होने का मुद्दा उठा रहे थे। शोरगुल के बीच संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ल ने रविशंकर को चिढ़ाते हुए तंज कसा कि फिर तो पीएसी की रिपोर्ट पर भी चर्चा होनी चाहिए।

    हंगामा बढ़ता देख राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली खड़े हुए और उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या वह कोई ऐसी व्यवस्था करेगी कि जब भी कोई रिपोर्ट लीक होगी तो उस पर चर्चा होगी? उन्होंने सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगाया। इसी बीच कमलनाथ ने कहा कि सरकार किसी भी मामले में चर्चा को तैयार है। इसी हंगामे और स्थगन के बाद जेटली ने फिर नया सुझाव दिया कि चर्चा के बजाय प्रधानमंत्री एवं कानून मंत्री आकर सदन में कोयला घोटाले पर बयान दें, सदस्य उनसे जो जिज्ञासाएं होंगी, पूछ लेंगे। इस पर राजीव शुक्ला ने कहा कि जब कानून मंत्री उपलब्ध होंगे तो उनसे वह बयान देने के लिए कह देंगे। यहां उल्लेखनीय है कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार दोनों ही सदनों और संसद परिसर में कहीं दिखाई भी नहीं पड़े।

    चाको के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। 2जी घोटाले के लिए द्रमुक के ए. राजा पर ही पूरा ठीकरा फोड़े जाने से संप्रग का यह पुराना सहयोगी भी बेहद नाराज है। द्रमुक ने जेपीसी की रिपोर्ट लीक होने के लिए इसके अध्यक्ष पीसी चाको के इस्तीफे की मांग के साथ-साथ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है। वहीं चाको ने कहा कि वह जेपीसी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने की जांच कराने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष इस बारे में कोई प्रस्ताव लाता है तो वह उसके साथ हैं। उन्होंने उल्टे आरोप लगाया कि वह सहयोगियों से कहते हैं कि कृप्या मीडिया तक कोई सूचना न पहुंचने दें लेकिन, इसके बावजूद सूचनाएं लीक हो रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट में वाजपेयी या किसी अन्य का नाम होने की बात को भी खारिज किया।

    वहीं, पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने कहा कि वह संयुक्त संसदीय समिति को एक और विस्तृत नोट भेज रहे हैं, जिसमें वह 2जी मामले पर विस्तार से टिप्पणी देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके हर काम की जानकारी प्रधानमंत्री को थी।

    सरकार को कामकाज करने दे विपक्ष : पीएम

    कोयला घोटाले और 2जी पर जेपीसी रिपोर्ट समेत तमाम मुद्दों पर निशाने पर आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वह सरकार को कामकाज करने दे। उन्होंने दोहराया कि सरकार विपक्ष की चिंता से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। हंगामे से लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मीडिया से संसद परिसर में ही मनमोहन ने बजट सत्र के दूसरे हिस्से को बेहद अहम बताया। साथ ही कहा कि सदन को महत्वपूर्ण वित्तीय कामकाज करना है। खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी हैं, जिन्हें पारित किया जाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह ईमानदारी से चाहते हैं कि सदन चले। मनमोहन ने कहा कि हमें देश की जनता ने कुछच्अच्छे काम करने के लिए भेजा है। हमें उम्मीद है कि इस प्रक्रिया में हर कोई सहयोग करेगा ताकि बजट पारित किया जा सकेऔर कई अन्य कामकाज प्रभावशाली ढंग से संचालित हो सके। सरकार टिकेगी या नहीं, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वित्तीय कामकाज संतोषजनक ढंग से होगा।

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