अमेरिका, फ्रांस के बाद गुजरात में पहला बुलेट प्रूफ परीक्षण केंद्र
अब बुलेट प्रूफ वाहनों के परीक्षण की सुविधा गुजरात में ही उपलब्ध होगी। इसके लिए अब इजराइल, फ्रांस या अमेरिका ले जाने की जरूरत नहीं होगी। गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा बैलेस्टिक रिसर्च लैब यहां एफएसएल में तैयार हो गया है। यहां दिसंबर से वाहनों का परीक्षण शुरू किया जाएगा। देश में टाटा और महिंद्रा कंपनियां ही बुल
अहमदाबाद [ब्यूरो]। अब बुलेट प्रूफ वाहनों के परीक्षण की सुविधा गुजरात में ही उपलब्ध होगी। इसके लिए अब इजराइल, फ्रांस या अमेरिका ले जाने की जरूरत नहीं होगी।
गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा बैलेस्टिक रिसर्च लैब यहां एफएसएल में तैयार हो गया है। यहां दिसंबर से वाहनों का परीक्षण शुरू किया जाएगा। देश में टाटा और महिंद्रा कंपनियां ही बुलेट प्रूफ वाहनों का उत्पादन करती हैं। इसलिए इन कंपनियों ने अपने वाहनों का परीक्षण गुजरात में कराने की प्रक्रिया शुरू की है।
भारत से विदेश ले जाने वाले वाहनों को परीक्षण के बाद फायर होने से लाने में मुश्किल पड़ती थी। सरकारी प्रक्रिया में होने वाली परेशानी के कारण वाहन वहीं छोड़ दिया जाता था। केवल प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया जाता था। इस प्रक्रिया में करोड़ों रुपये खर्च हो जाते थे। गांधीनगर में यह सुविधा मिलने से खर्च लाखों में रह जाएगा।
यहां गांधीनगर एफएसएल में पांच टन तक क्षमता वाले वाहनों का परीक्षण किया जाएगा। इन पर एसएलआर तथा एके-47 जैसे शस्त्रों से फायरिंग कर जांच की जाएगी। सामान्य तौर पर चार पहिए वाले वाहन का वजन दो टन होता है, जबकि सेना में उपयोग में लिए जाने वाले बुलेट प्रूफ वाहनों का वजन पांच टन होता है।
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