Move to Jagran APP

अमेरिका, फ्रांस के बाद गुजरात में पहला बुलेट प्रूफ परीक्षण केंद्र

अब बुलेट प्रूफ वाहनों के परीक्षण की सुविधा गुजरात में ही उपलब्ध होगी। इसके लिए अब इजराइल, फ्रांस या अमेरिका ले जाने की जरूरत नहीं होगी। गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा बैलेस्टिक रिसर्च लैब यहां एफएसएल में तैयार हो गया है। यहां दिसंबर से वाहनों का परीक्षण शुरू किया जाएगा। देश में टाटा और महिंद्रा कंपनियां ही बुल

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 07:55 PM (IST)

अहमदाबाद [ब्यूरो]। अब बुलेट प्रूफ वाहनों के परीक्षण की सुविधा गुजरात में ही उपलब्ध होगी। इसके लिए अब इजराइल, फ्रांस या अमेरिका ले जाने की जरूरत नहीं होगी।

loksabha election banner

गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा बैलेस्टिक रिसर्च लैब यहां एफएसएल में तैयार हो गया है। यहां दिसंबर से वाहनों का परीक्षण शुरू किया जाएगा। देश में टाटा और महिंद्रा कंपनियां ही बुलेट प्रूफ वाहनों का उत्पादन करती हैं। इसलिए इन कंपनियों ने अपने वाहनों का परीक्षण गुजरात में कराने की प्रक्रिया शुरू की है।

भारत से विदेश ले जाने वाले वाहनों को परीक्षण के बाद फायर होने से लाने में मुश्किल पड़ती थी। सरकारी प्रक्रिया में होने वाली परेशानी के कारण वाहन वहीं छोड़ दिया जाता था। केवल प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया जाता था। इस प्रक्रिया में करोड़ों रुपये खर्च हो जाते थे। गांधीनगर में यह सुविधा मिलने से खर्च लाखों में रह जाएगा।

यहां गांधीनगर एफएसएल में पांच टन तक क्षमता वाले वाहनों का परीक्षण किया जाएगा। इन पर एसएलआर तथा एके-47 जैसे शस्त्रों से फायरिंग कर जांच की जाएगी। सामान्य तौर पर चार पहिए वाले वाहन का वजन दो टन होता है, जबकि सेना में उपयोग में लिए जाने वाले बुलेट प्रूफ वाहनों का वजन पांच टन होता है।

पढ़ें: स्मार्टफोन के बड़े स्क्रीन ने किया बूलेटप्रूफ जैकेट का काम!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.