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    सड़क संपर्क बहाली के लिए बीआरओ ने झोंकी ताकत

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    Updated: Fri, 28 Jun 2013 05:10 AM (IST)

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अपनी ताकत झोंक दी है। इस काम में 4000 हजार से ज्यादा आदमी तथा 120 से ज्यादा एक्सकेवेटर व बुलडोजर लगाए गए हैं। नुकसान इतना ज्यादा है कि लगभग 30 किलोमीटर सड़कें बिलकुल नए सिरे से बनानी होंगी।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने अपनी ताकत झोंक दी है। इस काम में 4000 हजार से ज्यादा आदमी तथा 120 से ज्यादा एक्सकेवेटर व बुलडोजर लगाए गए हैं। नुकसान इतना ज्यादा है कि लगभग 30 किलोमीटर सड़कें बिलकुल नए सिरे से बनानी होंगी।

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    फिलहाल बीआरओ का जोर बीच-बीच में टूट गई सड़कों को भरकर उन्हें संपर्क को किसी तरह बहाल करना है। बार-बार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन जारी है। इसके बावजूद बीआरओ के लोग अपना काम करने में जुटे हुए हैं। दो प्रमुख मार्गो : ऋषिकेश-उत्तरकाशी और ऋषिकेश-जोशीमठ-गोविंदघाट के दो रास्तों को चालू रखने की कोशिश है। जोशीमठ-बदरीनाथ मार्ग पर अलकनंदा नदी पर पांडुकेश्वर में गोविंदघाट के नजदीक एक रेडीमेड फुटब्रिज बनाया गया है। इससे बदरीनाथ में फंसे लोगों को तेजी से निकालना संभव हुआ है।

    उत्तरकाशी तक सड़क खोल दी गई है। मगर धरासू के नजदीक दो जगहों पर दिक्कत है। यहां मशीनें लगाई गई हैं। उत्तरकाशी से आगे 30 जगहों पर सड़कें टूटी हैं। इन्हें दुरुस्त करने के लिए क्षेत्र को चार सेक्शन में बांटा गया है। गंगोत्री की तरफ से भी सड़क को ठीक किया जा रहा है और हर्षिल से उत्तरकाशी के बीच की सड़क को कुछ सुधार दिया गया है। इस सड़क को काफी नुकसान पहुंचा है। बीआरओ ने कई पैदल रास्ते भी तैयार किए हैं और लोगों के खाने-पीने, आश्रय व परिवहन के इंतजाम मुहैया कराए हैं।

    भारी बारिश के बावजूद ऋषिकेश-जोशीमठ-बदरीनाथ-माना सड़क को यातायात के लिए खुला रखा गया है। गोविंदघाट तक यह सड़क कई जगह ध्वस्त हो गई है। श्रीनगर व सिरोभगढ़ में ज्यादा नुकसान है। गोविंदघाट के आगे स्थिति और खराब है। लांबागढ़ में 50 मीटर लंबा पुल बह गया है। गोविंदघाट व बदरीनाथ दोनों तरफ से सड़क संपर्क जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड रोड को रुद्रप्रयाग की तरफ से अगस्त्य मुनि तक 18 किमी सड़क को ठीक कर दिया गया है। इसके आगे 35 किमी तक सड़क दुरुस्त करने का काम जारी है। रावणगंगा पर क्षतिग्रस्त पुल को सही कर दिया गया है। इसके आगे 70 किमी तक सड़क सामान्यत: ठीक है। इसके आगे 70.30 किमी पर पुल बह गया है। इस रास्ते के कई वैकल्पिक मार्ग भी खोले गए हैं।

    टनकपुर-पिथौरागढ़-तवाघाट-घटियाबागढ़ रोड पर 30 एक्सकेवेटर व बुलडोजर लगाए गए हैं। पिथौरागढ़ तक व आगे 80 किमी तक सड़क ठीक है। इसके आगे तवाघाट तक 30 जगहों पर सड़क ध्वस्त हो गई है। लेकिन तब भी 96 किमी तक हल्के वाहन जा सकते हैं। धारचूला तक यातायात खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। तवाघाट से पहले दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि तवाघाट में 150 फुट लंबा पुल बह गया है।

    जौल्जीबी-मुसियारी के बीच सड़क दस जगहों पर टूटी है, इसलिए अभी यातायात बंद है। इसे ठीक करने के लिए 10 बुलडोजर-एक्सकेवेटर लगाए गए हैं। अब तक करीब 30 किमी सड़क को दुरुस्त किया जा चुका है। पैदल रास्ता चालू कर दिया गया है।

    हिमाचल प्रदेश : राज्य में वांग्थू-पूह तथा पूह-कौड़िक रोड को भारी नुकसान पहुंचा है। फिर भी पंगी तक रास्ता ठीक कर दिया गया है। रिकांगपियो जिला मुख्यालय तक संपर्क स्थापित किया जा चुका है। यह सड़क अस्सी जगहों पर टूटी है। इसे दुरुस्त करने के लिए 30 से ज्यादा बुलडोजर-एक्सकेवेटर लगाए गए हैं।

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