ब्रिक्स गोवा घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आतंकवाद के इस अभिशाप के खिलाफ मिलकर निर्णायक तौर पर लड़ने की जरूरत है।
बेनोलिम (गोवा), [जयप्रकाश रंजन]। आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों से सख्त कार्रवाई करने की मुहिम चला रहे भारत को आज उस समय एक अच्छी सफलता हासिल हुई जब ब्रिक्स देशों ने इस बारे में बेहद सख्त निंदा प्रस्ताव पास किया। ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों की गोवा में चल रही आठवें सम्मेलन के समापन पर जारी घोषणा पत्र में इस बात की सहमति जताई गई है कि समूह के सभी देशों के बीच आतंकियों पर लगाम लगाने और उन्हें फंड उपलब्ध कराने पर अंकुश लगाने को लेकर सहयोग बढ़ाया जाएगा।
इससे आने वाले दिनों में भारत के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने में भी सहूलियत होगी और चीन को भी मनाया जा सकेगा कि वह पाक के बहकावे में आतंकी गतिविधयों से आंख न मूंदे। ब्रिक्स गोवा घोषणापत्र में कहा गया है कि सदस्य देश हाल के दिनों में भारत समेत अन्य ब्रिक्स देशों में हुए आतंकी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं। भारत के लिए अहम बात यह है इसमें कहा गया है कि राजनीतिक, धार्मिक, रंगभेद या किसी भी अन्य आधार पर आतंकी गतिविधियों को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
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इसके साथ ही ब्रिक्स देशों के बीच इस बात की भी सहमति बन गई है कि वे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में परस्पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों से एक दूसरे का सहयोग करेंगे। भारत लगातार आतंकियों को किसी ने किसी तरीके से फंड पहुंचा रहे संगठनों या अन्य एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का पैरवी करता रहा है। आज की घोषणापत्र में इसका विस्तार से जिक्र किया गया है।
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ब्रिक्स गोवा घोषणापत्र की मुख्य बातें
-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में करीबी सहयोग स्थापित होगा
-हर तरह की आतंकी गतिविधियों की भर्त्सना
-कृषि क्षेत्र में एक दूसरे की मदद करेंगे देश
-ब्रिक्स बैंक विकास परियोजनाओं को मदद देने की प्रक्ति्रया तेज करेगा
-आपसी कारोबार बढ़ाने के लिए उठाए जाएंगे ठोस कदम
-मौद्रिक नीति बनाने में भी होगा सलाह मशविरा
-औद्योगिकरण में एक दूसरे की करेंगे मदद
-आर्थिक तौर पर एक दूसरे के बाजारों को जोडऩे की होगी नई कोशिश
-डब्लूटीओ व अन्य मंचों पर समग्र तौर पर बात रखने की सहमति
-भ्रष्टाचार व काले धन को रोकने में भी स्थापित होगा करीबी सहयोग
-प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ाने पर रजामंदी
-स्वास्थ्य व पर्यटन के लिए खोलेंगे दरवाजा
-पर्यावरण सुरक्षा के लिए साझा करेंगे तकनीकी
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