Move to Jagran APP

बॉम्बे HC का पैरोल देने से इनकार लेकिन इलाज के लिए दी इजाजत

बॉम्बे हाइकोर्ट ने एक कैदी की पैरोल अर्जी को खारिज कर दिया। लेकिन मानवीय आधार पर उसे इलाज कराने की इजाजत दे दी है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 12:51 PM (IST)
बॉम्बे HC का पैरोल देने से  इनकार लेकिन इलाज के लिए दी इजाजत

मुंबई(पीटीआई)। बॉम्बे हाइकोर्ट ने कैदी विल्सन बेंजामिन कैस्टेलीनो की पैरोल अर्जी को खारिज कर दिया है। कैदी ने सर्जरी कराने के लिए इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने कहा कि कैदी पहले भी फर्लो का उल्लंघन कर चुका है।इस वजह से उसे पैरोल की इजाजत नहीं दी जा सकती है। हालांकि मानवीय अाधार हाइकोर्ट के जजों ने उसे इलाज कराने के लिए कोल्हापुर के सीपीआर अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं।कोर्ट ने कहा कि अगर सीपीआर अस्पताल में आवश्यक सुविधा न हो तो उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।

loksabha election banner

क्या है मामला ?

विल्सन बेंजामिन कैस्टेलीनो को 1 नवंबर 2010 को 14 दिन के लिए फर्लो पर रिहा किया गया था। विल्सन को 4 दिसंबर 2010 को सरेंडर करना था। लेकिन वो फरार हो गया। हालांकि करीब दो साल के बाद पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार किया। फरारी के दौरान वो करीब 674 दिन जेल के बाहर रहा। कोल्हापुर जेल के डॉक्टर ने बताया कि विल्सन को नाक की परेशानी है और उसे इलाज के लिए भर्ती कराने की जरूरत है। लेकिन जेल प्रशासन ने विल्सन की पैरोल पर रिहाई का विरोध किया। जेल प्रशासन की तरफ से ये तर्क दिया गया है कि उसके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए रिहाई नहीं होनी चाहिए। जजों ने कहा कि इसमें शक नहीं है कि विल्सन का पिछला रिकॉर्ड सही नहीं है। लेकिन उसे स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है। जजों ने कहा कि कैदी के पिछले रिकॉर्ड को उसकी पैरोल की अर्जी खारिज की जाती है।लेकिन मानवीय आधार पर उसे इलाज की सुविधा देने से इनकार किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.